झारखंड में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 18 वर्ष से बंद जादूगोड़ा स्थित हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड की राखा माइन्स का भूमिपूजन कर शुभारंभ किया, साथ ही राखा कंसंट्रेटर प्लांट एवं एक नई खान चापड़ी की सौगात
पूर्वी सिंहभूम को दी. भूमिपूजन व उद्घाटन समारोह में पांच हजार से अधिक लोगों ने भाग लिया और इस ऐतिहासिक पल के गवाह बने.
कार्यक्रम के दौरान
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि मैं मजदूर हूं और एक मजदूर की पीड़ा मैं समझ सकता हूं. अगर एक खदान या फैक्ट्री किसी कारणवश बंद हो जाती है तो वहां काम करने वालों की आर्थिक स्थिति पर क्या दुष्प्रभाव पड़ता है, यह समझ सकता हूं. साथ ही कहा कि उन सभी मजदूरों की पीड़ा को समझते हुए 2001 से बंद खदान का शुभारंभ कर मुझे आत्मीय खुशी हो रही है. आप खुश रहेंगे, तो मैं खुश रहूंगा.
भूमिपूजन कार्यक्रम के दौरान रघुवर दास ने कहा कि यह कार्य क्षेत्र के सांसद के अथक परिश्रम एवं केन्द्र और राज्य सरकार के प्रयास से सार्थक हुआ है. इस डबल इंजन की सरकार ने एक बार फिर से नई भोर का आगाज किया है. अब नई भोर के साथ वीराने में हरियाली और रोजगार का सृजन होगा.
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि देश में तांबे की उपलब्धता कम है. देश को तांबा अन्य देशों से आयात करना पड़ता है. वर्षों से बंद इस खदान और यहां काम करने वाले गरीबों की चिंता किसी ने नहीं की, लेकिन विगत 4 वर्ष के कार्यकाल में राज्य सरकार ने बंद पड़ी खदान को पुनः प्रारंभ करने का कार्य किया. यह डबल इंजन का फायदा है. डबल इंजन की सरकार से ही 18 साल बाद बंद माइंस खुल रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने बताया कि कुछ बाहरी ताकतें आदिवासियों की संस्कृति, बिरसा आबा, सिधो कान्हो की संस्कृति को बर्बाद करना चाहती हैं. ऐसी शक्तियों से मिलकर मुकाबला करना है. हम ऐसी संस्कृति का निर्माण करें, जिससे आने वाली पीढ़ी इस अनुपम संस्कृति से सिंचित हो सके. संथाल परगना में इस दिशा में लोगों में गजब की जागरूकता आई है.
बता दें कि कंसंट्रेटर प्लांट के लिए झारखंड सरकार ने 90 एकड़ जमीन का आवंटन एचसीएल को किया है. राखा माइन्स की उत्पादन क्षमता 1.50 मी टन होगी एवं चापड़ी माइंस की उत्पादन क्षमता 1.50 मीट्रिक टन होगी. साथ ही राखा कंसंट्रेटर प्लांट की क्षमता प्रथम चरण में 1.50 मीट्रिक टन की होगी, जो कि द्वितीय चरण में बढ़ाकर 3 मीट्रिक टन की जाएगी. देश का 30 प्रतिशत तांबा सिंहभूम में होता है. पांच साल में तांबे का उत्पादन 40 लाख टन करना सरकार का लक्ष्य है.
वहीं सांसद विद्युत वरण महतो ने मुख्यमंत्री से अन्य बंद माइंस खोलने की मांग की है, जिससे राज्य सरकार को सालाना 100 करोड़ का राजस्व और करीबन 20 हजार लोगोंं को रोजगार मिलेगा. इसके साथ ही उन्होंने मुसाबनी के बंद अस्पताल को खोलने की मांग की है, साथ ही एचसीएल कंपनी से निवेदन किया है कि माइंस खोले जाने पर स्थानीय युवाओंं को नौकरी में प्राथमिकता दी जाए.
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Tags: CM Raghubar Das, Ghatshila, Jharkhand news, Raghubar Das
FIRST PUBLISHED : February 03, 2019, 09:31 IST