पूर्वी सिंहभूम के घाटशिला मुसाबनी के मोहनडेरा गांव की सीमा थापा की मौत दिल्ली के कुतूबमीनार गेट के समक्ष
में हो गई. सीमा की लाश अब भी अस्पताल के वार्ड नंबर 12 और बेड नंबर 20 में पड़ी है. परिजनों के पास बार बार फोन आ रहा है कि शव को ले जाएं. इधर परिजनों के पास रूपए नहीं हैं कि वे लाश को ले आएं. परिजन मुसाबनी प्रखंड विकास पदाधिकारी से लेकर
तक गुहार लगा रहे हैं. खबर पाकर प्रसासनिक पदाधिकारियों ने इसे गंभीरता से लेते हुए मामले की छानबीन शुरू कर दी है.
मालूम हो कि मुसाबनी मोहनडेरा गांव की रहने वाली सीमा थापा को डेढ़ साल पहले उसी गांव के सुनीता बहादुर नामक महिला एजेंट
के नाम पर दिल्ली ले गई. इसके बाद सीमा का परिजनों से बीच बीच में संपर्क होता रहा. लेकिन किसी तरह का कोई रूपया सीमा थापा ने अपने घर नहीं भेजा. 15 जनवरी से एक दिन पहले सीमा की बहन सरिता गुडूंग को फोन आया कि उसकी बहन बीमार है और उसे ईलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया है. वहां पर सरिता ने देखा की बहन मूर्छित हालत में बेड पर पड़ी है. होश आने पर सीमा ने बताया कि उसका
बीमारी की हालत में बहन को छोड़ कर सरिता रूपयों का जुगाड़ करने वापस आ गई. लेकिन इसी बीच उसे खबर मिली कि उसकी बहन की मौत हो गई है. बहन सरिता , जीजा विष्णु बहादुर अब न्याय की गुहार लगा रहे हैं . शव को लाने के लिए प्रशासन से मदद मांग रहे हैं. बहन सरिता गुडूंग ने कहा कि हमें इंसाफ चाहिए. मेरी बहन के साथ जैसी घटना घटी वैसी घटना किसी और के साथ न घटे, झारखंड में या झारखंड से बाहर भी नहीं. मेरी बहन बेमौत मारी गई है. यानि एक बार फिर
की बेटी को रोजगार के नाम पर दिल्ली में मौत मिली है. इससे पहले भी रोजगार के नाम पर झारखंड के युवक - युवतियों की मौत की खबर आते रही है.
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FIRST PUBLISHED : January 22, 2018, 23:27 IST