झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला के मुसाबनी बागजाता माइंस जाने वाली सड़क बीते दस सालों से जर्जर हालत है. सड़क मरम्मत के लिए ना ही यूसीआईएल कंपनी ने ध्यान दिया और ना ही जन प्रतिनिधियों ने इस ओर कोई पहल की गई है.
बागजाता माइंस जाने वाली सड़क से दर्जनों गांव के ग्रामीणों का प्रतिदिन आना-जाना होता है, लेकिन इस ओर अबतक किसी का कोई ध्यान नही दिया गया है. जर्जर सड़क पर दर्जनों गांव के लोग बीते दस सालों से आना-जाना करते हैं और सरकार के साथ यूसीआईएल कंपनी को कोस रहे है.
बागजाता माइंस की ओर जाने वाली इस सड़क का निर्माण यूसीआईएल कंपनी ने किया था. ग्रामीणों से जमीन अधिग्रहण करने के बाद माइंस तक जाने के लिए सड़क बनायी गयी थी, लेकिन ग्रामीण और कंपनी प्रबंधन के बीच विभिन्न मांगो को लेकर वाद-विवाद, आंदोलन चलता रहता है. जिसके कारण सड़क पूरी नहीं बन पाई. इसका खामियाजा इस सड़क पर से आने-जाने वाले दर्जनो गांव के ग्रामीणों को झेलना पड़ता है.
सड़क मरम्मत के लिये ग्रामीणों ने सांसद से भी गुहार लगाई, लेकिन सांसद भी मौन हैं. ग्रामीणों का कहना है कि जर्जर सड़क होने के कारण यात्री वाहन गांव में नहीं आते हैं. रात के समय अगर कोई ग्रामीण बीमार पड़ जाए, तो उसे अस्पताल पहुंचाना कठिन हो जाता है. सड़क के संकरे होने के कारण अक्सर दुर्घटना होते रहते हैं. बाईपास होने के क्रम में सड़क से सटे घरों में कोई ना कोई वाहन अक्सर घुस जाता है. सड़क के कम चौड़ा होने के कारण बहुत सारी समस्या भी बनी रहती हैं.
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FIRST PUBLISHED : December 16, 2017, 07:42 IST