झारखंड में पूर्वी सिंहभूम जिले के डुमरिया प्रखंड के बाकड़कोचा गांव के निवासी कभी बूंद-बूंद को तरसते थे, लेकिन आज यहां पानी की कोई समस्या नहीं है. ये गांववालों का ही अपना प्रयास है कि वे पहाड़ की चोटी से गांव तक पानी ले आए.
चारो तरफ पहाड़ से घिरा डुमरिया प्रखंड का बाकड़कोचा गांव. पहाड़ी और सीमावर्ती इलाके में बसे होने के कारण इस गांव के लोगों को 50 किलोमीटर दूर प्रखंड कार्यालय जाने की बजाय अपने पर भरोसा करना ज्यादा मुनासिब लगता है. गांव में पानी की घोर समस्या थी. लिहाजा ग्रामीणों ने इस समस्या को दूर करने के लिए खुद कुछ करने की ठानी.
ग्रामीणों ने बगल के एक पहाड़ का रुख किया. पहाड़ की ऊंची चोटी से गिर रहे झरने के पानी को एक जगह जमा किया और फिर पाइप लाइन के जरिये गांव तक लाया.
गांव के बुढ़ान सोरेन कहते हैं कि कई बार सरकार को अपनी समस्या के बार में लिखा, लेकिन कोई पहल नहीं हुई. तब मन में आया कि हमारे दादा-परदादा पहाड़ से पानी लाकर पीते थे. क्यों न हमलोग वैसा करें. फिर बैठक कर फैसला लिया और अपने बल पर गांव पानी लाया.
गांव के बड़ा बुढ़ान कहते हैं कि गांव में तीन चापानल था, लेकिन तीनों खराब हो गये. पानी की काफी समस्या थी. गांव के हर घर से हजार रुपये की दर से चंदा लिया और श्रमदान देकर गांववालों ने पहाड़ से पानी गांव तक लाया.
पहाड़ का पानी पाइप के जरिये गांव के एक हौद में गिरता है, जहां से लोग अपने-अपने घर पानी ले जाते हैं. महिला हो या पुरुष सभी इसी हौद के चारो तरफ नहाने-धोने और पानी ले जाने का काम करते हैं. चौबीसों घंटे पाइप से हौद में पानी गिरता रहता है. बिना बिजली की जरूरत के पानी गांववालों को मिलता रहता है.
गांववालों के मुताबिक, बीते तीन साल से उनके गांव में इसी तरह से पानी पहुंच रहा है. अब पाइप कई जगहों पर फट गया है. जिसको मरम्मत कर काम चलाया जा रहा है. नये पाइप खरीदने के लिये फिलहाल ग्रामीणों के पास रुपये नही हैं. इसलिए ग्रामीणों ने स्वयसेवी संस्था और सरकार से इसके लिए गुहार लगायी है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
FIRST PUBLISHED : May 24, 2018, 08:56 IST