रांची. देश से हर दिन कई मजदूर रोजगार की तलाश में विदेश तक का भी रास्ता तय कर लेते हैं. बेरोजगारी के आलम को देखते हुए कई ऐसी एजेंसियां भी सक्रिय हो चुकी है, जो लोगों को सुनहरे सपने दिखाकर विदेश भेजती हैं . रोजगार, पैसों के लालच में आकर हर साल कई मजदूर फर्जी एजेंसी और दलालों के चक्कर में फंस जाते हैं. एक ऐसी ही खबर सोशल मीडिया के जरिए सामने आई है. अफ्रीकी देश माली में काम करने गए झारखंड के 33 मजदूर (Jharkhand labours stranded in South Africa) वहां फंस गए हैं. इनमें ज्यादातर हजारीबाग और गिरिडीह के रहने वाले हैं.
पीड़ित मजदूरों ने सोशल मीडिया (Social Media) पर पोस्ट कर वतन वापसी की गुहार लगाई है. मजदूरों ने एक वीडियो जारी कर केंद्र और झारखंड सरकार से उन्हें वापस बुलाने की मांग की है. माली में फंसे मजदूरों में विष्णुगढ़ के रूपलाल महतो, सुकर महतो, संदीप कुमार महतो, तिलक महतो, नंदलाल महतो समेत चुरचू और बरकट्ठा के भी लोग हैं.
मजदूरों ने वीडियो मैसेज में कहा है कि दलाल ने उन्हें झांसा देकर अफ्रीका भेजा था. यहां तीन महीने का तो वेतन ही नहीं मिला है. ब्रोकर भारत लौट गया है. फोन पर बात करने पर धमकी दी जा रही है. सभी मजदूर अभी एक कमरे में रह रहे हैं. झारखंड के लेबर मिनिस्टर सत्यानंद भोक्ता ने भी इस मामले में ट्वीट किया है.
जिला प्रशासन के मुताबिक, उन्हें मजदूरों के अफ्रीकी देश में जाकर काम करने की कोई जानकारी नहीं दी गई है. डिप्टी कमिश्नर आदित्य कुमार आनंद ने बताया कि इस संबंध में कोई सूचना नहीं है. उन्होंने आश्वासन दिया है कि इस संबंध में जानकारी जुटाई जा रही है, उसके बाद जो भी हर संभव मदद दी जाएगी.
इससे पहले भी दलालों के चंगुल में फंसकर कई गरीब मजदूर विदेश में जाकर फंस चुके हैं. कई एजेंसी नौकरी और ज्यादा पैसे के नाम पर लोगों को विदेश भेज देती है, जहां उन्हें वेतन से लेकर रहन-सहन और अन्य कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा कई बार बहुत से लोगों को दूसरे कामों में भेज दिया जाता है, जो ब्रोकर के बताए काम से बिल्कुल अलग होता है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: CM Hemant Soren, Labour minister, Modi government