ज़िले की मशहूर उसरी नदी में बालू का अवैध उत्खनन धड़ल्ले से जारी है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की कड़ी हिदायत के बावजूद गिरिडीह प्रशासन बालू माफियाओं पर लगाम लगाने में नाकाम साबित हुआ है. ताज़ा तस्वीरें गवाही देती हैं कि उसरी नदी में पहले की तरह अब भी लगातार बालू का अवैध उत्खनन हो रहा है, जिससे इस नदी का वजूद खतरे में आ चुका है. यहां सैकड़ों ट्रैक्टर बालू का अवैध उत्खनन होता है. केवल एक जमुआ प्रखंड के अंतर्गत लताकी की ही बात करें तो यहां से हर रोज़ 30 से 40 ट्रैक्टर बालू उठाकर ज़िले भर में खपाई जा रही है.
ये तस्वीरें साबित करती हैं कि ग्रीन ट्रिब्यूनल जैसी संस्थाओं के निर्देशों के बावजूद अवैध उत्खनन को रोकने को लेकर न तो प्रशासन गंभीर है, न ही इस बालू माफिया के खिलाफ कोई कार्रवाई की जा रही है. परिणामस्वरूप सैकड़ों ट्रैक्टर बालू का अवैध उत्खनन पूरे ज़िले में हो रहा है. इसकी त्रासदी यह है कि नदी धीरे-धीरे अब गड्ढे के रूप में तब्दील होकर रह गई है. यही नहीं, अब बालू भी सीमित मात्रा में उपलब्ध है.
बता दें कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के द्वारा आदेश जारी किया गया कि बालू के खनन पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी जाए. यानी इस आदेश के तहत लाइसेंस वालों को भी बालू उठाने की अनुमति नहीं है, लेकिन गिरिडीह में तो बिना लाइसेंस के ही बालू का अवैध उत्खनन धड़ल्ले जारी है, जिसे रोकना तो क्या, प्रशासन देखने को भी तैयार नहीं है. आए दिन इस अवैध उत्खनन पर खबरें छपने के बावजूद न तो कोई प्रशासनिक कार्रवाई हो रही है, न ही दंडात्मक. लोगों के बीच चर्चा है कि इस माफिया के पीछे बड़े स्तर तक मिलीभगत है.
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FIRST PUBLISHED : June 13, 2021, 10:01 IST