सर जेसी बोस ने अपने जीवन के आखिरी 7 साल गिरिडीह में गुजारे थे.
रिपोर्ट- एजाज अहमद
गिरिडीह. महान वैज्ञानिक सर जगदीश चंद्र बोस पर बीट ऑफ लाइफ एंटरटेनमेंट ने वॉइस डॉक्यूमेंट्री फिल्म रिलीज की है. इस डॉक्यूमेंट्री में महान वैज्ञानिक की जीवन से जुड़ी बातें व घटनाएं दर्शाई गई हैं. पेड़ पौधे में जान है, वे भी भोजन करते हैं और उनमें भी संवेदनाएं होती हैं, इसकी खोज सर जगदीश चंद्र बोस ने ही की थी. सर जेसी बोस के जीवन पर बनी इस फिल्म में उनके जन्म से लेकर आखिरी समय तक का जीवन कैसा रहा और उनका गिरिडीह से क्या जुड़ाव था, इन सभी बातों से अवगत कराया गया है.
आपको बता दें कि गिरिडीह में जगदीश चंद्र बोस ने अपने जीवन के आखिरी 7 साल बिताए थे. गिरिडीह के लोगों का कहना है कि वे यहां भी कुछ रिसर्च किया करते थे. यहां उनकी एक बंद तिजोरी है जो आज भी रहस्य बनी हुई है. गिरिडीह स्थित सर जेसी बोस के आवास को अब विज्ञान भवन के नाम से जाना जाता है. यहां हर साल उनकी जयंती और पुण्यतिथि मनाई जाती है. इस आवास में जगदीश चंद्र बोस के जीवन से जुड़ी चीजें हैं. उनके खोज, शोध कार्य के यंत्र व मशीनें भी रखी हुई हैं.
बीट ऑफ लाइफ एंटरटेनमेंट, ये डॉक्यूमेंट्री उनकी जयंती पर रिलीज कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई है. बीट ऑफ लाइफ एंटरटेनमेंट के संस्थापक पीयूष सागर ने बताया कि डॉक्यूमेंट्री शूटिंग के दौरान गिरिडीह के उपायुक्त नमन प्रियेश लायकड़ा एवं जिला शिक्षा अधीक्षक विनय कुमार ने भरपूर सहयोग किया.
उन्होंने बताया कि इस डॉक्यूमेंट्री को बनाने का मकसद यही है कि गिरिडीह के लोगों को अपने इतिहास के बारे में पता चल सके कि यहां देश के महान वैज्ञानिक ने अपना रिसर्च किया और जिंदगी के लगभग 7 वर्ष बिताए. अपने आखिरी समय में वे शोध ही कर रहे थे. वे अपने कार्य के प्रति सदा डेडिकेटेड रहे.
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