रिपोर्ट – आदित्य आनंद
गोड्डा. गोड्डा के एक घर में जब नन्ही परी का जन्म हुआ तो घर वालों ने खुशी से पूरे घर को फूलों से सजा दिया. अस्पताल से बिटिया को घर लाने के लिए परिवार ने मुख्य द्वार से घर तक जमीन पर कारपेट के तरह फूलों का चादर बिछा दिया. महिलाएं बच्ची के स्वागत में सोहर गा रही थी. बता दें कि यह सबकुछ शुक्रवार को नगर थाना क्वार्टर में रहने वाले एक सिपाही निशांत पांडे के घर बिटिया के जन्म की खुशी में हो रही था.
घर वाले बताते हैं कि बिटिया मां लक्ष्मी का रूप होती है. इस वजह से हम बच्ची के जन्म के बाद इतने उत्साहित है. आरती दिखाकर बच्ची का घर में प्रवेश कराया गया. उन्होंने कहा कि यह मां लक्ष्मी का रूप है. इस वजह से सिंदूर की रोलियो के इनके पदचिन्ह भी घरों पर लगाए जाएंगे.
25 जनवरी को हुआ था जन्म
परिवार जनों ने बताया कि 25 जनवरी को गोड्डा के एक निजी हॉस्पिटल में इस बच्ची ने जन्म लिया है. इसके बाद आज जब हॉस्पिटल से बच्ची और उसकी मां घर आई तो घर वालों ने भव्य स्वागत किया. इसके माध्यम से यह संदेश देने का प्रयास किया है कि बेटियां हमारे समाज के लिए बेटों जितना ही महत्वपूर्ण है.
बच्ची के पिता निशांत पांडे ने कहा कि आज बेटियों को लोग बोझ समझते हैं. लेकिन ऐसा कुछ नहीं है. बेटियां बेटों की तरह ही मुट्ठी बांध के पैदा होती है और बेटों की तरह ही हंसती-रोती और खेलती हैं. अपने माता-पिता और देश का नाम रोशन करती हैं. इसलिए बेटियों को बोझ नहीं समझना चाहिए.
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