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गोड्डा मेले में बिक रही 'संजीवनी बूटी', शिमला के जंगल से लाए गए इस पौधे की जानिए खासियत

दुकानदार दूध नाथ ने बताया कि वह इस पौधे को मसूरी से खरीद कर लाए हैं. जहां पर मसूरी के आदिवासी इसे पहाड़ी जंगलों से उखाड ...अधिक पढ़ें

रिपोर्ट : आदित्य आनंद

गोड्डा. जिले में मसूरी के पहाड़ी जंगलों से उखाड़ कर लाया गया मृत संजीवनी बूटी का शो प्लांट लोगों को आकर्षित कर रहा है. शो प्लांट बेचने वाला सासाराम से इसे लेकर आया है. यह शो प्लांट पानी में रखने पर काफी बड़ा और खूबसूरत हो जाता है. दुकानदार इसका सूखा पौधा लेकर आते हैं और इसे बेचते हैं. यह पौधा पानी में एक से डेढ़ साल तक जीवित रह सकता है और अगर इसे मिट्टी में लगाया जाए तो नमी वाली मिट्टी में यह लंबे समय तक रह सकता है और बड़ा होने के बाद यह पौधा पेड़ का भी रूप ले लेता है. पेड़ बनने के बाद यह और भी खूबसूरत लगता है.

गोड्डा मेले में दुकानदार दूध नाथ ने बताया कि वे इस पौधे को मसूरी से खरीद कर लाए हैं. वहां पर मसूरी के आदिवासी इसे पहाड़ी जंगलों से उखाड़ कर लाते हैं, जिसे शो प्लांट के रूप में उपयोग किया जाता है. वहीं दुकानदार इसे एक बाल्टी और छोटी डिब्बी में पानी डालकर जीवित करता है और उसके बाद इस खूबसूरत शो प्लांट को लेकर लोगों को दिखा कर बेचा जाता है. इस एक शो प्लांट को वह 10 रुपये में बेचता है. अगर किसी व्यक्ति को गैस से संबंधित कोई बीमारी हो तो वह इसका सेवन भी कर सकता है. कहते हैं कि इसके से गैस की तकलीफ हमेशा के लिए दूर हो जाती है.

क्या है मृत संजीवनी का शो प्लांट

बता दें मृत संजीवनी बूटी का जिक्र रामायण में किया गया है. जब रावण से युद्ध करने के दौरान मेघनाथ ने भयंकर अस्त्रों के प्रयोग से लक्ष्मण को मूर्छित कर दिया था. उस समय वीर हनुमान ने वैद्यराज सुषेण के निर्देश पर द्रोणागिरी पर्वत से चार प्रकार की जड़ी बूटियां लाई थीं, जिनमें एक जड़ी बूटी का नाम मृतसंजीवनी था. इसके सेवन से लक्ष्मण को जीवनदान मिला था. हालांकि अब इसका उपयोग सिर्फ शो प्लांट के रूप में ही किया जाता है.

Tags: Godda news, Jharkhand news, Shimla News

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