रिपोर्ट – आदित्य आनंद
गोड्डा. गोड्डा के पथरगामा प्रखंड अंतर्गत सुंदर नदी में आज माघी पूर्णिमा के स्नान पर लोगों की भारी संख्या में भीड़ लगी रही. जिले के दूर गांव से लोग चलकर सुंदर नदी गंगा स्नान करने के लिए पहुंचे हुए थे. लोगों का मानना है कि यह नदी गोड्डा के बोआरीजोर प्रखंड के सुंदर डैम से निकलकर गंगा नदी में जाकर मिलती है अतःजिले के जो लोग गंगा नदी में स्नान करने नहीं जा सकते वह सभी सुंदर नहीं में स्नान करते है.
गौरतलब है कि झारखंड का साहेबगंज ही एकमात्र जिला है जहां से गंगा नदी गुजरती है. गोड्डा के पोड़ैयाहाट प्रखंड के लता संथाली के बाबूजी मरांडी ने बताया कि हर वर्ष वह बिहार के भागलपुर जिला के कहलगांव गंगा स्नान के लिए जाते थे. लेकिन इस बार किसी कारणवश वह गंगा नदी मे स्नान नहीं पर कर पा रहें है इसलिए आज सुबह-सुबह ही सुंदर नदी में स्नान किया और माघ पूर्णिमा की पूजा की.
माघी पूर्णिमा में क्यों है गंगास्नान की परंपरा
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, माधी पूर्णिमा में गंगा स्नान करना काफी शुभ माना जाता है. प्रत्येक वर्ष 12 पूर्णिमा व्रत रखे जाते हैं. इन सभी में माघ मास में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है. माघ मास में आने के कारण इस तिथि को माघी पूर्णिमा या माघ पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है. मान्यता है कि इस दिन स्नान, दान और पूजा-पाठ करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और भक्तों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है. इस विशेष दिन पर भगवान विष्णु एवं चंद्र देव की पूजा का विशेष महत्व है. मान्यताओं के अनुसार माघ पूर्णिमा के दिन किए गए उपायों से पुण्य की प्राप्ति होती है . इस बार 4 फरवरी दिन शनिवार के रात 9:29 बजे से 5 फरवरी रविवार के रात 11 :58 बजे तक शुभ घड़ी माना गया है.
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