रिपोर्ट – आदित्य आनंद
गोड्डा. गोड्डा के पथरगामा प्रखंड अंतर्गत बारकोप में 1000 वर्ष पुराना राजा का महल है. हालांकि अब यह खंडर में तब्दील हो चुका है. यह खंडर कभी आलीशान महल हुआ करता था. जिसके राजा महाराज देव ब्रह्म हुआ करते थे. महाराज देव ब्रह्म बारकोप स्टेट के राजा थे. वर्तमान का गोड्डा, दुमका और बिहार का भागलपुर, मुंगेर व बांका बारकोप स्टेट का ही हिस्सा था. बताते हैं कि सन 1200 के करीब यह महल काफी आलीशान हुआ करता था.
इतिहासकार बताते हैं कि सन् 1689 के करीब बारकोप स्टेट का बंटवारा हो गया. जिसका कुछ क्षेत्र महागामा के परसंडा स्टेट में चला गया और बाकी बचा क्षेत्र बरकोप स्टेट के नाम रह गया.
वहीं, बंटवारे के बाद परसंडा स्टेट के राजा मॉल ब्रह्म बने. यह इलाका वर्तमान में महागामा के नाम से जाना जाता है. राजा के वंशज खुशराम ब्रह्म ने बताया कि महाराज देव ब्रह्म के बाद मनी ब्रह्म और चंद्र ब्रह्म यहां के राजा बने थे. राज परिवार के ज्यादातर सदस्य अब बाहर रहते हैं और यदा-कदा छुट्टियां मनाने यहां पहुंचते हैं, लेकिन इलाके में आज भी इनकी प्रतिष्ठा बनी हुई है.
बता दें कि यह महल अब खंडहर में तब्दील जरूर हो चुका है, लेकिन इस महल की दीवारों में अब भी कई रहस्य छुपे हुए हैं. वहीं इस खंडहर की दीवार की नक्काशी आज भी देखने लायक है. जो गोड्डा के प्राचीनतम राजघरानों के समृद्धि और कलाकृतियों को दर्शाता है. आज भी लोग खास तौर पर इसे देखने आते हैं. राजघराने के वंशजों से मिली जानकारी के मुताबिक बारकोप स्टेट का साम्राज्य काफी समृद्ध था.
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