शादी रोक दिये जाने के चलते टेबल-कुर्सी से लेकर खाने-पीने का इंतजाम धरा का धरा रहा गया.
इनपुट- रुपेश भगत
गुमला. झारखंड सरकार बाल विवाह रोकने के लिए विभिन्न तरीके से प्रयास कर रही है, परंतु राज्य के ग्रामीण इलाकों में बाल विवाह रुकने का काम नहीं ले रहा है. कम उम्र में लड़कियों की शादी कर जिंदगी बर्बाद करने का सिलसिला बदस्तूर जारी है. ताजा मामला गुमला जिला का है, जहां बीडीओ ने गांव पहुंचकर नाबालिग की शादी रुकवाई.
गुमला जिले के सदर थाना क्षेत्र के पुग्गु खोपाटोली गांव में करमा उरांव आदिवासी रीति रिवाज से अपनी 16 वर्षीय बेटी का विवाह करा रहे थे. शादी में शामिल होने के लिए मेहमान भी पहुंच गए थे. शादी समारोह धूमधाम से चल रहा था. इसी बीच किसी ने बाल विवाह की सूचना जिला चाइल्ड लाइन को दी. चाइल्ड लाइन ने प्रशासन को इसकी जानकारी दी. इसके बाद बीडीओ के नेतृत्व में प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और विवाह को रोक दिया.
किशोरी जतरा टाना भगत उच्च विद्यालय की छात्रा है, पर गरीबी के कारण पढ़ाई छोड़ दी. परिजनों के कहने पर वह शादी के लिए तैयार हो गई थी. वहीं विवाह रोकने पहुंचे अधिकारियों के समक्ष लड़की के परिजनों ने अपनी फरियाद रखी कि बच्ची काफी मनाने के बाद शादी को तैयार हुई थी. विवाह खर्च के लिए उन्होंने कर्ज भी ले रखा है. ऐसे में विवाह नहीं होने पर वे मुश्किलों में फंस जाएंगे. लेकिन बीडीओ ने परिवारवालों की फरियाद नहीं सुनी और विवाह रोक दिया.
शादी नहीं होने के चलते टेबल-कुर्सी से लेकर खाने-पीने का इंतजाम धरा का धरा रह गया.
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