रिपोर्ट- रुपेश भगत
गुमला. झारखंड के गुमला जिला के चैनपुर प्रखंड के कुरूमगढ़ में नये थाना भवन पर तैनात पुलिसकर्मियों पर भाकपा माओवादी ने बुधवार देर रात फायरिंग की. इसके बाद पुलिस ने भी मोर्चा संभाल ली. करीब एक घंटे तक पुलिस और माओवादियों के बीच मुठभेड़ हुई. हालांकि इस मुठभेड़ में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. पुलिस को भारी पड़ता देख नक्सली जंगल की तरफ भाग निकले.
गुरुवार सुबह पुलिस और सीआरपीएफ ने नक्सलियों के खिलाफ छापेमारी अभियान चलाया. शाम पांच बजे तक पुलिस नक्सलियों की तलाश करती नजर आयी. सूचना के अनुसार कुरूमगढ़ पुलिस ने एक व्यक्ति को हिरासत में लिया है. उसे थाने में रखकर पूछताछ की जा रही है.
थाना भवन के बचे हुए आधे हिस्से को उड़ाने की थी योजना
जानकारी के अनुसार भाकपा माओवादियों ने 25 नवंबर को कुरूमगढ़ के नये थाना भवन को बम विस्फोट कर उड़ा दिया था. थाना भवन का कुछ हिस्सा अभी भी ठीक है. नक्सली नये थाना भवन के बचे हुए आधा हिस्सा को भी उड़ाने की योजना बनाये हुए थे. इसी मंशा से नक्सली बुधवार रात को थाना भवन के समीप जा रहे थे, परंतु 25 नवंबर की घटना के बाद से कुरूमगढ़ पुलिस रात को नये थाना भवन की सुरक्षा कर रही है. इसलिए जब नक्सली थाना भवन के पास पहुंचे, तभी थाना भवन में टॉर्च की रोशन देखी. इसके बाद नक्सलियों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी. पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की.
गुमला एसपी ने बताया कि वह खुद घटनास्थल पर पहुंचकर पूरे मामले की जांच कर रहे हैं. जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.
बता दें कि गुमला का यह इलाका शुरू से ही भाकपा माओवादियों का सेफ जोन माना जाता है. क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति चारों ओर से जंगल और पहाड़ों से घिरी हुई है. इस इलाके में नक्सलियों ने कई बड़ी घटना को अंजाम दिया है. साल 2000 में नक्सलियों ने सैनी जंगल के समीप गश्त के लिए जा रही पुलिस टीम के वाहन को बम विस्फोट कर उड़ा दिया था. इस घटना में 9 पुलिसकर्मी शहीद हुए थे.
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