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झारखंड के स्वास्थ्य विभाग ने ठुकराया तो छत्तीसगढ़ ने बढ़ाया मदद का हाथ, तब जाकर महिला पहुंची अस्पताल

गुमला में छत्तीसगढ़ सीमा से सटे गांवों में झारखंड की चिकित्सा सुविधा का लाभ नहीं मिल पाता है. इन्हें छत्तीसगढ़ से मदद मिलती है.

गुमला में छत्तीसगढ़ सीमा से सटे गांवों में झारखंड की चिकित्सा सुविधा का लाभ नहीं मिल पाता है. इन्हें छत्तीसगढ़ से मदद मिलती है.

Gumla News: गुमला जिले के अतिसुदूरवर्ती झारखंड-छत्तीसगढ़ सीमा पर बसा मिरचाईपाठ गांव में आज भी सड़क नहीं है. यहां के ग्र ...अधिक पढ़ें

    रिपोर्ट- रुपेश भगत

    गुमला. झारखंड सरकार आदिम जनजाति के लोगों के विकास के तमाम दावे करती है. गुमला जिला के अतिसुदूरवर्ती झारखंड-छत्तीसगढ़ सीमा पर बसा मिरचाईपाठ गांव में आज भी सड़क की सुविधा नहीं है. जिससे यहां के लोगों को काफी परेशानी होती है. यहां के ग्रामीणों की विवशता ये है कि इन्हें झारखंड सरकार की चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पाती है. यहां के लोग छत्तीसगढ़ सरकार से चिकित्सा व्यवस्था की गुहार लगाते हैं. छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा इन्हें बिना किसी प्रकार के भेदभाव के इनके दुर्गम गांव तक चिकित्सा सुविधा पहुंचाई जाती है. झारखंड स्वास्थ्य हेल्पलाइन से इन्हें गांव तक सड़क नहीं होने का हवाला दिया जाता है.

    ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है. गुरुवार को मिरचाईपाठ निवासी फुलमनी नामक महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हुआ. जिसके बाद उनके परिजनों ने एंबुलेंस हेतु झारखंड हेल्पलाइन नंबर- 108 पर कॉल किया, लेकिन उक्त ग्राम तक सड़क नहीं होने का हवाला देते हुए एंबुलेंस भेजने में असमर्थता जताई गई. तब परिजनों ने ग्रामीणों के सहयोग से छत्तीसगढ़ हेल्पलाइन नंबर पर कॉल लगाया. जिसके बाद महिला को गांव से एंबुलेंस तक गेडुआ के सहारे कंधे पर उठाकर पहुंचाया गया. फिर ऐंबुलेंस से महिला को जशपुर अस्पताल ले जाया गया. जहां पीड़िता का सकुशल प्रसव कराया गया.

    ऐसी घटना कोई नई नहीं है, बल्कि बार-बार दुहराती है. कई बार मरीजों को समय पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण उनकी मौत भी हो जाती है. ग्रामीणों ने झारखंड सरकार पर उनके साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है.ॉ

    ग्रामीणों का कहना है कि जब देश में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है तो उनके जैसे दुर्गम गांवों में सड़क क्यों नहीं बनाया जा रहा. उन्हें मूलभूत सुविधा के अभाव के हवाले कर दिया गया है. गांव में सड़क नहीं होने के कारण मरीजों की असमय मौत हो जाती है.

    जिले के डीसी  सुशांत गौरव ने कहा कि गुमला के ग्रामीण इलाकों के लिए ममता वाहन हो या मामले से जुड़ी कोई अन्य समस्या उनको धीरे-धीरे ठीक किया जा रहा है. इस गांव को चिन्हित करते हुए सड़क के लिए सरकार के पास प्रस्ताव भेजा जाएगा. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से गांवों को जोड़ा जा रहा है.

    Tags: Chhattisgarh New, Gumla news, Health services, Jharkhand news

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