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Hazaribagh: 5 मंत्रों के सहारे झारखंड में अभिशाप से लड़ रहा है हजारीबाग, जानिए क्या है वह 5 मंत्र

जिला सामाजिक कल्याण पदाधिकारी इंदु प्रभा खलखो ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग हजारीबाग के लिए गौरव की बात है कि हम लोग कुपोषण ...अधिक पढ़ें

सुबोध कुमार गुप्ता
हजारीबाग: जिले में कुपोषित बच्चों की संख्या में कमी आई है. वर्ष 2023 में 120 कुपोषित बच्चे सामने आए हैं. जबकि बीते वर्ष 2022 में कुपोषित बच्चों की संख्या 273 थी. बच्चों को कुपोषण से लड़ने के लिए 5 मूल मंत्र दिया जा रहा है . जिसके कारण कुपोषित बच्चों की संख्या में पिछले साल की तुलना में इस वर्ष भारी कमी आई है.

हजारीबाग जिले के 16 प्रखंड में 120 कुपोषित बच्चों को चिन्हित किया गया है. जिसमें केरेडारी प्रखंड में 16, सदर प्रखंड ग्रामीण में 04, चौपारण प्रखंड में 14, बरही प्रखंड में 05, बड़कागांव प्रखंड में 18, विष्णुगढ़ प्रखंड में 14, चुरचू प्रखंड में 19, बरकट्ठा प्रखंड में 09, पदमा में 5 और डाड़ी प्रखंड में 4 कुपोषित बच्चे है .

हजारीबाग के लिए गौरव की बात :
जिला सामाजिक कल्याण पदाधिकारी इंदु प्रभा खलखो ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग हजारीबाग के लिए गौरव की बात है कि हम लोग कुपोषण से मुक्ति पाने के दिशा में बढ़ रहे हैं और जिले के बच्चे को स्वस्थ बनाने की कोशिश की जा रही है. कुपोषण से मुक्ति पाने के लिए पांच मूल तंत्र है. जिसमें पहला मंत्र है गर्भावस्था से 1000 दिन तक बच्चे का सही देखभाल. गर्भावस्था के दौरान के 270 दिन और जन्म के बाद दो साल बच्चे की सही से देखभाल होना चाहिए.

मां का दूध पिलाना है जरूरी :
दूसरा मूल मंत्र बच्चे को जन्म के बाद शुरू के 6 माह तक मां का दूध पिलाना. उसके बाद बच्चे को हल्का-फुल्हा बाहरी आनाज भी दे सकते हैं. बच्चे को पौष्टिक आहार देना जरूरी होता है. बच्चे के भोजन में आयरन व प्रोटीन का होना जरूरी है.तीसरा मूल मंत्र है एनीमिया रोकथाम के लिए बच्चों को हर डेढ़ से 2 घंटे में निर्धारित आहार उपलब्ध करना . बच्चा खासे या सर्दी हो तो उसे तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं और एनीमिया जांच करा लें. उन्हें दाल युक्त भोजन दे. इसे एनीमिया का खतरा कम हो जाता है .

साफ-सफाई का जरूर रखे ध्यान :
चौथा मूल मंत्र है डायरिया प्रबंधन. गर्भावस्था के दौरान प्रसूति को साफ सफाई का खास ख्याल रखना चाहिए. महिला को गर्भावस्था के दौरान बच्चों को पौष्टिक तत्व अर्थात हारे साग सब्जियां देने का कार्य करें.पांचवा मूल मंत्र है ,स्वच्छता और सफाई . अपने घर के आस-पास सर्दी-गर्मी और बरसात हमेशा साफ सफाई पर ध्यान रखे. बच्चों को हल्के गुनगुने पानी से साफ करें ताकि बच्चे अन्य वायरस का शिकार ना हो इससे भी कुपोषण से मुक्ति पाए जा सकता है.

Tags: Hazaribagh news, Jharkhand news

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