रिपोर्ट – सुबोध कुमार गुप्ता
हजारीबाग. नदियों को बचाने के लिए स्कूली बच्चे लोगों को जागरूक कर रहे हैं. बच्चे लोगों से अपील कर रहे हैं कि हमारे देश की नदी को कचरों से भरा जा रहा है. जिससे नदियों का जल स्तर घटता जा रहा है और नदी में पानी के बजाय केवल कचरे नजर आने लगे हैं. यदि यही आलम रहा तो नदी का पानी हमारे लिए सपने जैसा हो जाएगा. इसलिए जरूरत से नदी और इसके पानी को संजोने की.
पहले नदियों में नहाते थे लोग
फहीमा स्कूल की कक्षा नौवीं की छात्रा फलक फातिमा कहती है कि केंद्र सरकार से लेकर देश के विभिन्न राज्य सरकार नदियों की सफाई के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही हैं. ताकि नदियों का जलस्तर बढ़ाया जा सके. झारखंड राज्य में स्वर्ण रेखा नदी सबसे गंदी नदी हो गई है. आज से 50 वर्ष पूर्व लोग इस नदी में नहाते और पीने के काम में लाते थे. लेकिन आज इस नदी का पानी इतना गंदा हो गया है कि लोग पानी को छूने से भी डरते हैं. इसका कारण है लोगों का प्रत्येक दिन नदी में बड़े पैमाने पर कचरा फेंकना.
कचरे का सही तरीके से करें निष्पादन
उसने कहा कि हम स्कूली बच्चे देश के तमाम नागरिकों से अपील करते हैं कि किसी भी सूरत में नदियों में कचरा ना फेंके और देश में चलने वाले उद्योग धंधे के कचरे का सही तरीके से निष्पादन करें. छोटी से बड़ी नदी के किनारों पर फलदार व छायादार पौधे लगाए. जिससे नदियों का जलस्तर बढ़ाया जा सके.
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