रिपोर्ट- जावेद खान
हजारीबाग. वैसे तो भारत के अलग-अलग राज्यों में कई तरह मिठाइयां मिलती हैं लेकिन झारखंड के हजारीबाग जिले के विष्णुगढ़ के टाटीझरिया का लेमचा मिठाई दुबई से लेकर मुंबई तक अपने ललीज स्वाद के लिए मशहूर है. शुद्ध खोवा और देशी घी में बन कर तैयार होना वाला रसीले लेमचा का स्वाद और मिठास ऐसी है कि जो एक बार खा लेता है वो बार-बार इस मिठाई को खरीदने टाटीझरिया जरूर पहुंच जाता है.
अब तो लेमचा लोकल से ग्लोबल हो चूका है. दुबई समेत खाड़ी देशों में इसकी खूब डिमांड है. अक्सर लोग टाटीझरिया आकार इसकी मिठाई को विदेशों तक ले जाते हैं. खड़ी देशों में रहने वाले लोग कई बार तो अपने परिचितों से खासतौर पर इस मिठाई को मंगवाते हैं. लेमचा मिठाई 300 रुपये प्रति किलो के दर से बिकता है. यह दूध, शुद्ध खोआ और देशी घी के साथ तैयार किया जाता है.
100 वर्षों से चौधरी परिवार कर रहा कारोबार
बता दें, टाटीझरिया में प्रभात चौधरी के परिवार के लोग लेमचा मिठाई बनाने के कार्य में 100 वर्षों से लगे हुए हैं. प्रभात अपने परिवार के तीसरी पीढ़ी के हैं. टाटीझरिया में हजारीबाग-बगोदर मुख्य मार्ग पर स्थित पंडित जी होटल पर लेमचा खरीदने वालों की भीड़ सुबह से देर रात्रि तक लगी रहती है. विष्णुगढ़ के टाटीझरिया की पहचान इस रसीले और स्वदिष्ट लेमचा के कारण भी है.
दादा जी के कारोबार को आगे बढ़ा रहे हैं प्रभात
लेमचा मिठाई के लिए मशहूर पंडित होटल के कर्मचारी दिनेश यादव ने बताया कि लेमचा मिठाई की मांग मुंबई से लेकर दुबई तक होती है. हमारे यहां के बना लेमचा 15 दिनों तक खराब नहीं होता. इसे दूध, खोवे और देसी घी में बनाया जाता है. बीते 100 वर्षों से यहां पर लेमचा मिठाई बनाने का काम किया जा रहा है. अपने दादा द्वारा शुरू किए गए लेमचा मिठाई बनाने के कार्य को पंडित होटल के संचालक प्रभात चौधरी बखूबी आगे बढ़ा रहे हैं. ग्राहक छोटेलाल प्रसाद ने बताया कि बचपन से ही लेमचा मेरी पसंदीदा मिठाई है. जब भी मौका मिलता है। टाटीझरिया आकर लेमचा जरूर खाता हूं.
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