होम /न्यूज /झारखंड /Hazaribagh News : गोतिया देगा कफन, समाज करेगा श्राद्ध में सहयोग, जानें मौत पर आदिवासी समुदाय ने क्या की अनोखी पहल

Hazaribagh News : गोतिया देगा कफन, समाज करेगा श्राद्ध में सहयोग, जानें मौत पर आदिवासी समुदाय ने क्या की अनोखी पहल

मृत व्यक्ति को कफ़न उसके गोतिया के लोग देंगे और गांव वाले तथा रिश्तेदार, हित, नाता, कुटुंब मृत व्यक्ति के घर में बनाए ग ...अधिक पढ़ें

रिपोर्ट – सुबोध कुमार गुप्ता

हजारीबाग. आदिवासी का जीवन परंपरा और प्रथा से भरा हुआ है. इसी कड़ी में एक और प्रथा आदिवासियों की जिंदगी से जुड़ गई है. जिसे मौत के बाद निभाया जाएगा. दरअसल किसी भी आदिवासी समुदाय में किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो कफन लेकर गांव वाले, घर वाले, रिश्तेदार और गोतिया पहुंचते थे. जिसके बाद कफन ओढ़ा कर मृत व्यक्ति का अंतिम संस्कार किया जाता था. लेकिन अब कफन चढ़ाने की प्रथा का विस्तार करते हुए श्राद्ध में आर्थिक सहयोग की पहल की गई है.

यह बदलाव बैठक कर आदिवासी समाज ने तय किया है. आदिवासी समाज के प्रमुख रवि मुर्मू कहते हैं कि आदिवासी समुदाय में किसी की मौत पर केवल कफन दे देने से उसका अंतिम संस्कार का क्रिया कर्म संपन्न नहीं हो जाता. इसलिए हम लोगों ने बैठक कर गांव में तय किया है कि मृत व्यक्ति को कफन उसके गोतिया के लोग देंगे और गांव वाले तथा रिश्तेदार हित, नाता, कुटुंब मृत व्यक्ति के घर में बनाए गए दान पेटी में पैसे डालेंगे.

श्राद्ध में आर्थिक बोझ होगा कम

इस पैसे से मृतक के परिजनों को क्रिया कर्म करने में आर्थिक सहयोग हो जाएगी और उन्हें अधिक धन का खर्च अपने घरों से नहीं करना पड़ेगा. इस प्रथा को सुचारू रूप से चलाने के लिए कजरी के भुरकुंडा गांव में फुसरी, कजरी, बहेरा, चनारो, घाटो, परसाबेड़ा, जोडाकरम, रहमदगा, बडोलतवा, फागू टोला, लगनाबेड़ा, चटनिया, किमू, बंजी, दुरु कसमार, रोता, बैसबोनवा, शहदा, गिद्दी सहित हजारीबाग जिले के साथ रामगढ़ और रांची के आदिवासी बैठक कर इस प्रथा को पूरे झारखंड में लागू करने का निर्णय लिया है.

Tags: Hazaribagh news, Jharkhand news

टॉप स्टोरीज
अधिक पढ़ें