की राज्यस्तरीय बैठक संपन्न हो गई है. बैठक में डीज़ल पर वैट दर घटाने की मांग को लेकर चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा की गई है. आगामी 1 अक्टूबर को सूबे के सभी
बंद रहेंगे. पेट्रोल पंप व्यवसायियों ने हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी है.
जेपीडीए के प्रदेश अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह के अनुसार वे लोग 20 सितंबर तक मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी बात रखने की कोशिश करेंगे. यदि वार्ता का नतीजा सकारात्मक रहा तो हड़ताल टल जायेगा. अगर वैट दर घटाने का फ़ैसला नहीं हुआ तो सूबे के पेट्रोल पंप व्यवसायी 1 अक्टूबर को हड़ताल पर रहेंगे. साथ ही 20 सितंबर से 1 अक्टूबर के बीच झारखंड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन द्वारा तेल के खेल और झारखंड में वैट की मार से जनता को अवगत कराने के लिए एक बड़ा जन जागरण अभियान छेड़ा जाएगा.
मालूम हो कि झारखंड में 22 प्रतिशत वैट होने के कारण पड़ोसी राज्य यूपी और प.बंगाल की तुलना में झारखंड में डीजल महंगा हो गया है. ऐसे में बाहर से आने वाली लंबी दूरी की गाड़ियां झारखंड में डीज़ल नहीं भरवा रही हैं. इस वजह से सूबे के 12सौ पेट्रोल पंपों में से 500 पेट्रोल पंप बंदी के कगार पर पहुंच गए हैं. बिक्री दर घटने से झरखंड को भी राजस्व का नुकसान हो रहा है.
जेपीडीए के प्रदेश अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह के अनुसार यदि सरकार डीज़ल पर वैट घटा दे तो यहां राज्य सरकार को 30 से 35 करोड़ अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा. आज हालात है ये है कि टैक्स का पैसा बचाने के लिए झारखंड की कोल आउटसोर्सिंग कंपनियां भी बाहर से तेल ख़रीद रही हैं. यानि इस मामले में समय रहते सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया तो सूबे में पेट्रोल पंपों की हड़ताल से आम लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ेगी. फ़िलहाल देश भर में पेट्रोल डीजल की कीमत जीएसटी के दायरे में लाने की मांग भी जोर शोर से उठ रही है.
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FIRST PUBLISHED : September 16, 2018, 23:10 IST