वन विभाग के डिपो में लगी भीषण आग, लाखों की कीमती लकड़ी जलकर राख, 7 दमकल की गाड़ियों ने आग पर पाया काबू

7 दमकल की गाड़ियों ने घंटों मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया
वन विभाग (Forest Department) के मुताबिक डिपो में एनएच फोरलेन निर्माण के दौरान काटे गए साल के पेड़ के टुकड़े रखे गए थे. हर महीने इनकी नीलामी होती थी.
- News18 Jharkhand
- Last Updated: January 16, 2021, 8:16 PM IST
जमशेदपुर. पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला अनुमंडल के धालभूमगढ़ में वन विभाग (Forest Department) के डिपो में भीषण आग (Fire) लगने से लाखों रुपये की कीमती लकड़ी जलकर स्वाहा हो गयी. आग इतनी भयानक थी कि 7 दमकल की गाड़ियों को काबू पाने में घंटों मशक्कत करनी पड़ी. आग की सूचना मिलते ही घाटशिला एसडीओ सतबीर रजक, एसडीपीओ राज कुमार मेहता मौके पहुंचे.
वन विभाग के इस डिपो में हजारों की संख्या में लकड़ी के मोटे-मोटे टुकड़े रखे हुए थे. इन्हीं लड़कियों में आग लग गई. हालांकि आग कैसे लगी, इसका पता नहीं चल पाया है. डिपो के पास ही स्वास्थ्य उपकेंद्र और धालभूमगढ़ बाजार स्थित है. आस-पास कई घर भी हैं. इसलिए समय रहते इस आग पर काबू नहीं पा लिया जाता तो बड़ी तबाही हो सकती थी.
विभाग को राजस्व की क्षति नहीं विभाग के मुताबिक डिपो में एनएच फोरलेन निर्माण के दौरान काटे गए साल के पेड़ के टुकड़े रखे गए थे. हर महीने इनकी नीलामी होती थी. अधिकतर लकड़ियां सड़ चुकी थीं. डिपो में अत्यधिक झाड़ियां होने के कारण आग को फैलने में मदद मिली. सूखी लकड़ियां होने का कारण आग ने देखते ही देखते भयावह रूप ले लिया. हालांकि प्रशासन ने जेसीबी से ट्रेंच कटवाकर आग को आगे बढ़ने से रोका.
स्थानीय रेंजर संजय सिंह ने बताया कि डिपो में कितनी लकड़ियां थीं और कितना का नुकसान इस आग से हुआ है, इसके बारे में फिलहाल कुछ भी नहीं बताया जा सकता. हालांकि इस घटना से विभाग को किसी प्रकार के राजस्व की क्षति नहीं होगी, क्योंकि डिपो को लेकर इंश्योरेंस किया हुआ है.
वन विभाग के इस डिपो में हजारों की संख्या में लकड़ी के मोटे-मोटे टुकड़े रखे हुए थे. इन्हीं लड़कियों में आग लग गई. हालांकि आग कैसे लगी, इसका पता नहीं चल पाया है. डिपो के पास ही स्वास्थ्य उपकेंद्र और धालभूमगढ़ बाजार स्थित है. आस-पास कई घर भी हैं. इसलिए समय रहते इस आग पर काबू नहीं पा लिया जाता तो बड़ी तबाही हो सकती थी.
विभाग को राजस्व की क्षति नहीं विभाग के मुताबिक डिपो में एनएच फोरलेन निर्माण के दौरान काटे गए साल के पेड़ के टुकड़े रखे गए थे. हर महीने इनकी नीलामी होती थी. अधिकतर लकड़ियां सड़ चुकी थीं. डिपो में अत्यधिक झाड़ियां होने के कारण आग को फैलने में मदद मिली. सूखी लकड़ियां होने का कारण आग ने देखते ही देखते भयावह रूप ले लिया. हालांकि प्रशासन ने जेसीबी से ट्रेंच कटवाकर आग को आगे बढ़ने से रोका.
स्थानीय रेंजर संजय सिंह ने बताया कि डिपो में कितनी लकड़ियां थीं और कितना का नुकसान इस आग से हुआ है, इसके बारे में फिलहाल कुछ भी नहीं बताया जा सकता. हालांकि इस घटना से विभाग को किसी प्रकार के राजस्व की क्षति नहीं होगी, क्योंकि डिपो को लेकर इंश्योरेंस किया हुआ है.