रिपोर्ट : सुमन भट्टाचार्य
जामताड़ा. समाज के अंदर कुछ ऐसी बुराइयां हैं जिन्हें दूर किए बगैर हमलोग शोषणमुक्त और समतामूलक समाज का निर्माण नहीं कर पाएंगे. यह बात जामताड़ा में हूल दिवस के अवसर पर झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने कही. उन्होंने राज्यवासियों से राज्य के अंदर में व्याप्त बुराई, कुरीति, भ्रष्टाचार और शोषण से मुक्त होने के लिए एक और हूल का आह्वान किया.
झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने अपने विधानसभा क्षेत्र नाला के महेशमुंडा में सिद्धो-कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया कर उन्हें नमन किया. स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने कहा कि विश्व के सारे दार्शनिक एवं स्वाधीनता प्रेमी इस हूल को बहुत सम्मान की दृष्टि से देखते हैं. शहीदों के बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता. इसलिए आज हम सभी हूल दिवस मना रहे हैं. उन्होंने कहा कि वर्षों से झारखंड मुक्ति मोर्चा एवं उनके सहयोगी हर वर्ष 1855 के इस हूल को याद करते हैं. इसके पीछे एक ही उद्देश्य होता है कि आज की युवा पीढ़ी के दिल में हूल के विषय में जानने के लिए उत्साह पैदा हो.
रवींद्र महतो ने कहा कि जब हमारा देश गुलाम था, तो एक तरफ अंग्रेजी हुकूमत थी, तो दूसरी तरफ स्वदेशी महाजनों के अत्याचार था. इन दोनों के खिलाफ इस संथाल परगना की धरती से सिद्धू-कान्हू-चांद-भैरव और फूलों-झानों ने बिगुल फूंका था. बुराई और कुरीति के खिलाफ पहले आंदोलन की तरह इसे देखा जाता है. यह हमारे देश की स्वतंत्रता के लिए पहला उलगुलान था. यह इतना विशाल था कि अंग्रेजी हुकूमत की नींव हिल गई थी. इस आंदोलन का दबाने के लिए अंग्रेजों को विभिन्न रेजिमेंट से फोर्स बुलाने पड़े थे.
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Tags: Assembly speaker, Jharkhand news
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