झारखंड बीजेपी के अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ चक्रधरपुर सीट से चुनाव हार गए हैं. लक्ष्मण गिलुआ को झारखंड मुक्ति मोर्चा के सुखराम ओरांव से हार का सामना करना पड़ा. वहीं चक्रधरपुर के मौजूदा विधायक शशिभूषण तीसरे नंबर पर रहे हैं.
लक्ष्मण गिलुआ बीजेपी के लिए झारखंड में आदिवासी चेहरे का प्रतिनिधित्व करते हैं. हाल ही में गैर आदिवासी को सीएम बनाकर और अर्जुन मुंडा जैसे नेता को केंद्र में बुलाकर राज्य में बीजेपी एक मजबूत आदिवासी चेहर की कमी महसूस कर रही थी. जिस वजह से लक्ष्मण गिलुआ को राज्य के अध्यक्ष पद की बड़ी जिम्मेदारी दी गई थी.
हालांकि, लक्ष्मण गिलुआ को साल 2014 के लोकसभा चुनाव में पश्चिमी सिंहभूम से जीत मिली थे लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. इसके बावजूद बीजेपी ने राज्य में एक भरोसेमंद आदिवासी चेहरे की कमी को पूरा करने के लिए लक्ष्मण गिलुआ को मौका दिया.
बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष ताला मरांडी और मुख्यमंत्री रघुवर दास के बीच खींचतान के चलते बीजेपी नेतृत्व को अध्यक्ष पद के लिए विकल्प की तलाश थी. दरअसल, राज्य बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष ताला मरांडी झारखंड में अपनी ही सरकार के छोटा नागपुर टेनेंसी CNT और संथाल परगना टेनेंसी SPT एक्ट में बदलाव पर नाराजगी जता चुके थे. जिस पर मुख्यमंत्री रघुवर दास, राज्य के वरिष्ठ नेताओं और सांसदों ने ताला मरांडी की शिकायत बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और संगठन महासचिव रामलाल से थी. इसके अलावा मरांडी अपने बेटे के नाबालिग के साथ शादी के मामले में भी विपक्ष के सामने घिर गए थे. जिसके बाद 54 साल के लक्ष्मण गिलुआ को सबसे उपयुक्त उम्मीदवार मानते हुए अध्यक्ष बनाया गया.
अनुसूचित जनजाति के गिलुआ 54 साल के हैं. उनका जन्म 20 दिसंबर 1964 को पश्चिमी सिंहभूम में हुआ था. लक्ष्मण गिलुआ की शादी 10 अगस्त 1996 में हुई और उनके 2 बेटे और 1 बेटी हैं. रांची यूनिवर्सिटी से उन्होंने बीकॉम किया है.
1999 में वो तेरहवीं लोकसभा के लिए सिंहभूम संसदीय क्षेत्र से चुने गए थे. साल 2014 में भी वो सिंहभूम सीट से बीजेपी के टिकट पर सांसद बने. लेकिन साल 2019 के लोकसभा चुनाव में गिलुआ सिंहभूम लोकसभा सीट से कांग्रेस की गीता कोड़ा से हार गए थे.
गिलुआ इस साल जनवरी की शुरुआत में उस वक्त सुर्खियों में आ गए थे जब उन्होंने दावा किया कि बालाकोट स्ट्राइक की वजह से 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जीत मिलेगी.
साल 2005 में भी चक्रधरपुर सीट पर हुए चुनाव में झामुमो के सुखराम ओरांव ने जीत हासिल की थी. सुखराम ओरांव ने 14 साल बाद वापसी करते हुए बड़ी जीत हासिल की है.
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FIRST PUBLISHED : December 23, 2019, 19:04 IST