रिपोर्ट- रितेश लोहानी
कोडरमा. कोडरमा जिले के डोमचांच थाना अंतर्गत सपही के ढिबरा व्यवसायी अर्जुन साव मौत मामले में ग्रामीणों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा. दरअसल बीते 13 अप्रैल को अहले मृतक अर्जुन साव का शव फुटलहिया नदी के पास जंगल में मिला था. जिसके बाद अर्जुन साव के परिजनों और ग्रामीणों ने डोमचांच पुलिस पर अर्जुन साव की हत्या का आरोप लगाते हुए सड़क जाम कर दिया था. ग्रामीणों का कहना था कि डोमचांच पुलिस की मारपीट के दौरान अर्जुन की मौत हुई है, जिसे छुपाने के लिए डोमचांच पुलिस में अर्जुन का शव जंगल में फेंक दिया.
मामले की गंभीरता को देखते हुए कोडरमा एसपी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तत्कालीन डोमचांच थाना प्रभारी समेत चार एसआई को निलंबित करते हुए हत्या सहित अन्य धाराओं के साथ परिजनों के द्वारा दिए गए आवेदन के अनुसार मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था. वहीं ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों के विरोध के बाद पूरे मामले की जांच का जिम्मा सीआईडी को सौंपने की बात सामने आई थी. लेकिन लगभग ढाई महीने बीत जाने के बाद भी पूरे मामले में अब तक थाना प्रभारी समेत चार एसआई के निलंबन के अलावे कोई कार्रवाई नहीं होता देख ग्रमीणों में रोष है.
सर्वदलीय संघर्ष समिति के बैनर तले सोमवार को अर्जुन साव के परिजन व ग्रामीणों के द्वारा रांची पटना मुख्य मार्ग को कोडरमा मुख्यालय के समीप अवरुद्ध पर चक्का जाम करने का प्रयास किया गया. इसकी सूचना मिलते ही कोडरमा थाना प्रभारी इंदु भूषण कुमार ने दल बल के साथ प्रदर्शन स्थल पर पहुंचकर ग्रामीणों को सड़क जाम करने से रोका. जिससे पुलिस व ग्रामीणों के बीच नोकझोंक की स्थिति भी उत्पन्न हुई. पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करते हुए ग्रामीणों को सड़क के किनारे कर दिया.
कोडरमा एसडीपीओ अशोक कुमार मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को समझाया-बुझाया और पूरे मामले की जांच सीआईडी को हस्तांतरण होने की बात बताई. वहीं प्रदर्शन कर रहे सर्वदलीय संघर्ष समिति के अजय कृष्णा ने बताया कि अगर एक महीने के भीतर मामले में कोई ठोस कार्रवाई और मुआवजे की बात नहीं होगी तो यह आंदोलन और भी उग्र होगा.
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