में पर्यटकों को लुभाने और हाथी से पार्क की सफारी करवाने के लिए कर्नाटक से तीन हाथी लाए गए थे. कर्नाटक सरकार ने बेतला नेशनल पार्क को ये हाथी बिना किसी शुल्क के दिए थे, लेकिन अब ये हाथी बेतला पार्क के लिए बड़ी समस्या बनते जा रहे हैं. दरअसल, पार्क प्रशासन के पास इस हाथियों को खाना खिलाने के भी पैसे नहीं है.
कर पार्क की सफारी करने के लिए हाथी तो आ गए हैं, लेकिन इन हाथियों का पेट भरना झारखंड वन विभाग के लिए मुश्किल साबित हो रहा है. वन विभाग के पास इन हाथियों को खाना खिलाने के लिए फंड ही नहीं है. विभाग के अनुसार हाथियों को खाना खिलाने के लिए हर साल करीब 9 लाख रुपये का बजट चाहिए, लेकिन सराकर के पास यह बजट नहीं है.
बेतला पार्क को ये तीन हाथी नि:शुल्क मिले हैं, लेकिन इन्हें कर्नाटक से लाने में ही सरकार का करीब 12 लाख रुपया खर्च हो चुका है. पिछले मार्च माह से इन्हें बेतला में रखा जा रहा है, लेकिन इनके डाइट चार्ट के अनुसार इनके खाने का प्रबंध नहीं किया गया. इन हाथियों को
के आला अधिकारियों को जैसे-तैसे खाना दिया जा रहा है. इन्हें जंगली घास, पुवाल, धान और खिंचड़ी दी जा रही है जो इनके अनुकूल नहीं है.
बेतला के रेंजर नथुनी सिंह ने बताया कि जो डाइट चार्ट उन्हें कर्नाटक से हाथियों का हैंडओवर लेते समय मिला थो वो खाना हाथियों को नहीं दे पा रहे हैं. सरकार के पास इन हाथियों के खाने का बजट सब्मिट है, लेकिन छह माह बीत जाने के बाद भी सरकार की तरफ से कोई पहल नहीं की गई है. फिलहाल हाथियों को जो मिल जाता है वहीं खिला रहे हैं.
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FIRST PUBLISHED : October 27, 2018, 08:28 IST