झारखंड: बेतला नेशनल पार्क में जंगली हाथियों ने पालतू हाथी को घेरकर मार डाला

पालतू हाथी काल भैरव को पलामू किले के पास बांधकर रखा गया था. इसी दौरान उसपर जंगली हाथियों ने हमला कर दिया.
Betla National Park: महावत के मुताबिक घटना के वक्त काल भैरव चैन से बंधा हुआ था. काल भैरव का पेट जंगली हाथी के दांत लगने से फट गया. जिससे उसकी मौत हो गई.
- News18 Jharkhand
- Last Updated: January 19, 2021, 3:36 PM IST
लातेहार. झारखंड के लातेहार जिले में स्थित बेतला नेशनल पार्क (Betla National Park) में पालतू हाथी काल भैरव को जंगली हाथियों ने घेरकर मार डाला. जानकारी के मुताबिक कर्नाटक से बेतला लाया गया नर हाथी काल भैरव को पलामू किला प्रक्षेत्र के निकट रखा गया था. सोमवार रात अचानक दो जंगली हाथियों ने उस पर हमला बोल दिया. और काल भैरव को मार डाला.
मंगलवार सुबह घटना की सूचना मिलने पर वन विभाग (Forest Department) में हड़कंप मच गया. रेंजर प्रेम प्रसाद ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि मामले की जांच की जा रही है. महावत के मुताबिक घटना के वक्त काल भैरव चैन से बंधा हुआ था. काल भैरव का पेट जंगली हाथी के दांत लगने से फट गया. जिससे उसकी मौत हो गई. मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने हाथी के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
अब पार्क में मात्र 4 पालतू हाथी
बताते चलें कि काल भैरव समेत तीन हाथियों को 30 मार्च 2018 को कर्नाटक से बेतला नेशनल पार्क लाया गया था. महावत के अनुसार, पार्क में अब मात्र चार पालतू हाथी बचे हुए हैं. काल भैरव के पैरों में जख्म होने की वजह से उसे बाकी हाथियों से अलग बांधा जाता था.इससे पहले पिछले साल जुलाई में बेतला नेशनल पार्क में एक युवा हथिनी की संदिग्ध तरीके से मौत हो गयी थी. हथिनी का शव पलामू किला के पास सड़क किनारे पड़ा हुआ मिला था.
980 वर्ग किमी में फैला है पार्क
बता दें कि बेतला नेशनल पार्क झारखंड के लातेहर और पलामू जिले में स्थित है. 980 वर्ग किमी में फैला हुआ ये पार्क भारत के सबसे पुराने टाईगर रिजर्व में से एक है. पहले पलामू टाईगर रिजर्व के नाम से जाना जाता था. यहां बड़ी संख्या में बाघ, तेंदुआ, जंगली भालू, बंदर, सांभर, नीलगाय, मोर और चीतल आदि जानवर पाए जाते हैं.
मंगलवार सुबह घटना की सूचना मिलने पर वन विभाग (Forest Department) में हड़कंप मच गया. रेंजर प्रेम प्रसाद ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि मामले की जांच की जा रही है. महावत के मुताबिक घटना के वक्त काल भैरव चैन से बंधा हुआ था. काल भैरव का पेट जंगली हाथी के दांत लगने से फट गया. जिससे उसकी मौत हो गई. मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने हाथी के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
अब पार्क में मात्र 4 पालतू हाथी
बताते चलें कि काल भैरव समेत तीन हाथियों को 30 मार्च 2018 को कर्नाटक से बेतला नेशनल पार्क लाया गया था. महावत के अनुसार, पार्क में अब मात्र चार पालतू हाथी बचे हुए हैं. काल भैरव के पैरों में जख्म होने की वजह से उसे बाकी हाथियों से अलग बांधा जाता था.इससे पहले पिछले साल जुलाई में बेतला नेशनल पार्क में एक युवा हथिनी की संदिग्ध तरीके से मौत हो गयी थी. हथिनी का शव पलामू किला के पास सड़क किनारे पड़ा हुआ मिला था.
980 वर्ग किमी में फैला है पार्क
बता दें कि बेतला नेशनल पार्क झारखंड के लातेहर और पलामू जिले में स्थित है. 980 वर्ग किमी में फैला हुआ ये पार्क भारत के सबसे पुराने टाईगर रिजर्व में से एक है. पहले पलामू टाईगर रिजर्व के नाम से जाना जाता था. यहां बड़ी संख्या में बाघ, तेंदुआ, जंगली भालू, बंदर, सांभर, नीलगाय, मोर और चीतल आदि जानवर पाए जाते हैं.