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एक ही परिवार के 13 लोगों ने11 साल पहले अपनाया था ईसाई धर्म, अब की घर वापसी, बताई बड़ी वजह

झारखंड के लोहरदगा से धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया है

झारखंड के लोहरदगा से धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया है

Religion Conversion: 11 साल पहले यानी 2012 में इस परिवार ने आदिवासी धर्म को छोड़ ईसाई धर्म के प्रलोभन व अंधविश्वास में आ ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

धर्म परिवर्तन का मामला झारखंड के लोहरदगा से जुड़ा है
आदिवासी रीति रिवाज से पूजन करा कर इस परिवार की घर वापसी कराई गई
घर वापसी करने वाले परिवार ने अपने धर्म को सर्वश्रेष्ठ बताया है

रिपोर्ट- आकाश साहू

लोहरदगा. झारखंड से धर्म परिवर्तन का एक बड़ा मामला सामने आया है. मामला लोहरदहा जिला से जुड़ा है जहां के सेन्हा प्रखंड क्षेत्र के मैनाटोली गांव में एक ही परिवार के 13 सदस्यों ने एक साथ ईसाई धर्म को छोड़ अपने सरना धर्म में वापसी कर ली है. 11 साल पहले यानी 2012 में आदिवासी धर्म को छोड़ ईसाई धर्म के प्रलोभन व अंधविश्वास में आकर तोड़ार मैनाटोली निवासी सुखराम उराँव के पूरे परिवार ने सरना धर्म छोड़कर ईसाई धर्म अपना लिया था. पढ़ा समिति ने अब इस परिवार की फिर से सरना धर्म में घर वापसी करा दी है.

परिवार में सुखराम उरांव, राजेश खलखो, रिता खलखो, सुरजी उराँव, हीरा खलखो, मिनी खलखो, चन्द्रदेव खलखो, राजू खलखो, सोनाली खलखो, अमन खलखो, सचिन खलखो, प्रीति खलखो सरना धर्म को छोड़ धर्म परिवर्तन कर ईसाई धर्म में शामिल हो गए थे, वही सुखराम उरांव ने ईसाई धर्म अपनाकर अपना नाम प्रेमदान खलखो रख लिया था जिसके बाद सरना समाज हरकत में आया और विधि विधान के साथ पूरे परिवार को सरना धर्म में घर वापसी कराई. पूरे परिवार ने भी समाज का बात मानते हुए अपनी इच्छानुसार पुनः सरना रीति रिवाज से घर वापसी का प्रस्ताव 12 पड़हा बेल के समक्ष रखते हुए घर वापसी किया.

सरना समाज के चौकनी पड़हा बेल दीपेश्वर भगत ने जानकारी देते हुए कहा कि गांव में ही पाहन पुजार द्वारा आदिवासी रीति रिवाज से पूजन करा कर एक ही परिवार के 13 सदस्यों को उसके स्वेच्छा से सरना समाज में शामिल किया गया है. ईसाई धर्म को छोड़ पुनः घर वापसी पर उन सभी परिवार आदिवासी धर्म अपनाने के पश्चात सुखराम उरांव ने कहा की अपना धर्म ही सर्व श्रेष्ठ है और रोग विकार के कारण बहकावे में आकर ईसाई धर्म में चले गए थे लेकिन वहा जाने के बाद भी कोई लाभ नहीं मिला.

समाज के लोग सभी कार्यक्रम में भाग लेने से भी मना करते थे जिस कारण पुनः अपने समाज में घर वापसी किया. जो लोग भी सरना समाज से धर्म परिवर्तन किए वो भी घर वापसी कर लें. अपना ही धर्म सर्वश्रेष्ठ है किसी के बहकावे में या कोई लालच में अब दूसरे धर्म को नही अपनाएगें. घर वापसी कार्यक्रम के मौके पर कई गांव के लोग और समाज के लोगो के साथ ढेर संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे. मालूम हो कि जिले में गरीब आदिवासी परिवार को ईसाई मिशनरियों द्वारा प्रलोभन देकर ईसाई धर्म में धर्म परिवर्तन करा दिया जाता है जिसका अब सरना समाज विरोध कर धर्म वापसी करा रहा है.

Tags: Jharkhand news, Lohardaga ka news, Religion conversion

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