रिपोर्ट- आकाश साहू
लोहरदगा. झारखंड के लोहरदगा जिले के कैरो प्रखंड में स्थित वर्षों पुराना बौद्ध मठ अब खंडहर में तब्दील हो गया है. ग्रामीणों का कहना है कि इस क्षेत्र के राजा ठाकुर गोविंद नाथ साहदेव के वंशजों ने इसका निर्माण लगभग 500 साल पहले कराया था. तब इसमें बौद्ध भिक्षु रहा करते थे. जब तक यहां बौद्ध भिक्षु रहे तब तक यह बौद्ध मठ ठीक रहा.
ग्रामीणों के मुताबिक जब बौद्ध भिक्षु यहां से चले गए तो इस पर सनातन धर्म को मानने वाले लोगों ने भगवान जगन्नाथ की मूर्ति स्थापित कर पूजापाठ शुरू किया. हर साल यहां रथ यात्रा का आयोजन होने लगा. बाद में रथ मेला कही और लगने लगा. धीरे- धीरे यहां पूजा पाठ भी बंद हो गई. और अब यह बौद्ध मठ खंडहर बन गया है.
स्थानीय निवासी निरंजन राम ने बताया कि बौद्ध भिक्षुओं के रहने के लिए इस मठ को राजा ने बनवाया था. खास बात ये कि इसके निर्माण में घरेलू वस्तुओं का इस्तेमाल हुआ. सीमेंट के बदले उरद का चोकर और ईंट से इसे तैयार किया गया. अगर यह फिर से पहले जैसा बन जाए तो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर सकता है.
बीदेपी नेता आलम खान ने राज्य सरकार और जिला प्रशासन से इस प्राचीन धरोहर के जीर्णोधार की मांग की. उन्होंने कहा कि अगर इस मठ का जीर्णोधार होता है तो हमें 500 साल पहले की झलकियां देखने को मिलेगी.
जिला उपायुक्त वाघमारे प्रसाद कृष्ण ने कहा अगर सच में यह बहुत पुरानी धरोहर है तो इसका निरीक्षण कर आगे पत्राचार किया जायेगा और संबंधित विभाग को इसके लिए निर्देश दिया जायेगा.
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