डायरिया इस बार भी लोहरदगा के लोगों के मौत का कारण बन रहा है. जिले में अब तक दो दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत डायरिया के कारण हो चुकी है. जिले में स्वास्थ्य विभाग होने वाली मौत के बाद जाग रहा है. बारिश का जमा पानी एक बार फिर ग्रामीण इलाकों में कहर ढा रहा है.
लोहरदगा में डायरिया के प्रकोप को रोकने की दिशा में स्वास्थ्य विभाग फिसड्डी साबित हो रहा है. अब तक कई गांव इसके चपेट में आ चुके हैं. इस बीमारी से बचने की दिशा में काम नहीं किया जा रहा है.
ग्रामीण इलाकों में डायरिया से मौत होने के बाद ही विभाग जाग रहा है. कुछ ऐसा ही हाल सेन्हा प्रखंड के इस गगेया गांव में हुआ, जहां डायरिया की चपेट में आने से पिता पुत्र की मौत हो गई. इसके अलावा बुजुर्ग मती देवी की भी मौत डायरिया से हुई.
तीसरी मौत का मातम अभी थमा भी नहीं है कि कई ग्रामीण विभिन्न स्वास्थ्य केन्द्र में इलाजरत होने के लिए भर्ती किए गये हैं. गगेया गांव में डायरिया का मातम थमने का नाम नहीं ले रहा है. पूरा इलाका घाटा और गगेया डायरिया की चपेट में है. परिजन बता रहे हैं कि मौत के बाद इस इलाके में स्वास्थ्य विभाग सक्रिय हुआ है.
इस गगेया गांव में हुए तीन मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग जागा है. सिविल सर्जन ने पूरे टीम के साथ गांव का दौरा किया. ग्रामीणों के बचाव की जानकारी देते हुए इलाज के लिए कैम्प लगाने का काम किया. सीएस ने बताया की पीने वाले पानी का सैम्पल ले लिया गया है, जिसे जांच के लिए रिम्स में भेज दिया गया है. साथ ही गांव में पीड़ित ग्रामीणों की स्थिति पर नजर रखने का काम किया जा रहा है.
सिविल सर्जन पैट्रिक टेटे ने बताया कि लोहरदगा डायरिया व मलेरिया जोन के रूप में जाना जाता है. यहां बारिश के मौसम में कई लोगों की मौत मलेरिया व डायरिया के कारण हो जाती है. स्वास्थ्य विभाग हर साल इस समस्या से निपटने का दावा करता है, लेकिन यह कोरा साबित होता है.
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FIRST PUBLISHED : September 10, 2016, 23:44 IST