जाति प्रमाण पत्र नहीं, तो 30 परिवारों को नहीं मिला उज्जवला योजना का लाभ

उज्जवला योजना से वंचित लोग
पाकुड़ के राधानगर गांव को केंद्र सरकार ने गोद लिया है, लेकिन गांव के तीन लोगों को उज्जवला योजना के तहत गैस कनेक्शन नहीं मिल रहा है. गांव में करीब 30 परिवार ऐसे हैं जिन्हे उज्जवला योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. इसके पीछे जाति प्रमाण पत्र नहीं बन पाना एक मात्र कारण है.
- News18 Jharkhand
- Last Updated: May 17, 2018, 12:46 PM IST
पाकुड़ के राधानगर गांव को केंद्र सरकार ने गोद लिया है, लेकिन गांव के तीन लोगों को उज्जवला योजना के तहत गैस कनेक्शन नहीं मिल रहा है. गांव में करीब 30 परिवार ऐसे हैं जिन्हे उज्जवला योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. इसके पीछे जाति प्रमाण पत्र नहीं बन पाना एक मात्र कारण है.
बात सिर्फ उज्जवला योजना की ही नहीं है. पीएम आवास योजना में भी बिचौलिये हावी हो चुके हैं. पीएम आवास योजना में आवास के नाम पर बिचौलिये लाभार्थियों से अवैध वसूली कर रहे हैं. स्थानीय लोगों को कहना है कि आवास के लिए दस्तावेज तो ले लिए जाते हैं लेकिन आवास नहीं मिलता है.
राधानगर गांव में करीब 1500 परिवार है, पाकुड़ के अतिपिछड़े गांवों में राधानगर गांव का नाम सबसे ऊपर आता है. यहां पिछड़ा और अतिपिछड़ा जाति के सर्वाधिक लोग रहते हैं. लाभार्थियों के जाति प्रमाण पत्र व मूल निवास प्रमाण पत्र बनाने के लिए जिला प्रशासन के पास सूची उपलब्ध करवाई गई है. यदि इससे कोई रास्ता निकता है तो गांव के 30 परिवारों को उज्जवला योजना का लाभ मिल सकता है.
बात सिर्फ उज्जवला योजना की ही नहीं है. पीएम आवास योजना में भी बिचौलिये हावी हो चुके हैं. पीएम आवास योजना में आवास के नाम पर बिचौलिये लाभार्थियों से अवैध वसूली कर रहे हैं. स्थानीय लोगों को कहना है कि आवास के लिए दस्तावेज तो ले लिए जाते हैं लेकिन आवास नहीं मिलता है.
राधानगर गांव में करीब 1500 परिवार है, पाकुड़ के अतिपिछड़े गांवों में राधानगर गांव का नाम सबसे ऊपर आता है. यहां पिछड़ा और अतिपिछड़ा जाति के सर्वाधिक लोग रहते हैं. लाभार्थियों के जाति प्रमाण पत्र व मूल निवास प्रमाण पत्र बनाने के लिए जिला प्रशासन के पास सूची उपलब्ध करवाई गई है. यदि इससे कोई रास्ता निकता है तो गांव के 30 परिवारों को उज्जवला योजना का लाभ मिल सकता है.