यहां पत्थर मजदूरों ने प्रशासन पर परेशान करने का आरोप लगाया और काम से किया इनकार

पत्थर खदान के कर्मचारी
आरोप है कि एसडीओ के कार्रवाई के बाद खदान में मजदूरों ने काम करने से मना कर दिया है. काम बंद होने और मजदूरों के हड़ताल के लिए पत्थर व्यवसायियों ने प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है.
- News18 Jharkhand
- Last Updated: October 8, 2018, 9:35 AM IST
पाकुड़ जिले में एसडीओ के जिला टास्क फोर्स के साथ मिलकर एमएमसी के पत्थर खादान में छापेमारी के बाद पत्थर व्यवसायी और प्रशासन आमने-सामने आ गए हैं. आरोप है कि एसडीओ के कार्रवाई के बाद खदान में मजदूरों ने काम करने से मना कर दिया है और हड़ताल पर चले गए हैं. काम बंद होने और मजदूरों के हड़ताल के लिए पत्थर व्यवसायियों ने प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है.
पत्थर व्यवसायियों का कहना है कि कि एसडीओ ने जिला टास्क फोर्स के साथ एमएमसी के पत्थर खदान में छापेमारी की और कर्मचारियों से कई तरह के कागजात मांगे. मौके पर कागजात नहीं देने पर अभद्र व्यवहार किया. व्यवसायियों ने कहा कि लगातार प्रशासनिक कार्रवाई से मजदूरों में दहशत है. मजदूर और कर्मचारी मजदूरी के लिए काम करते है, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी आए दिन उन्हें परेशान करते हैं. इसलिए मजदूर अब काम नहीं करना चाह रहे हैं. पत्थर व्यवसायियों ने प्रशासन से मांग की है कि अधिकारियों के रवैये में बदलाव लाया जाए नहीं तो तो पत्थर का कारोबार पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा.
इधर एसडीओ जितेंद्र कुमार देव ने बताया कि पत्थर खदान की जांच वरीय पदाधिकारियों के निर्देश पर की गई है. खदान में कई तरह की खामियां पाई गई, इन खामियों पर कार्रवाई के डर से पत्थर व्यवसायी इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि जांच की रिर्पोट डीसी को सौप दी गई है. डीसी का आदेश आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
बता दे कि झारखंड़ सरकार ने कई तरह के नए नियम पत्थर उत्खनन में लगाए हैं. इन्हीं नियमों की पालन के जांच के लिए एसडीओ ने जिला टास्क फोर्स के साथ छापेमारी की थी.यह भी पढ़ें- सब्जी मंडी में लगी आग, कई दुकानें जलकर खाक
पत्थर व्यवसायियों का कहना है कि कि एसडीओ ने जिला टास्क फोर्स के साथ एमएमसी के पत्थर खदान में छापेमारी की और कर्मचारियों से कई तरह के कागजात मांगे. मौके पर कागजात नहीं देने पर अभद्र व्यवहार किया. व्यवसायियों ने कहा कि लगातार प्रशासनिक कार्रवाई से मजदूरों में दहशत है. मजदूर और कर्मचारी मजदूरी के लिए काम करते है, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी आए दिन उन्हें परेशान करते हैं. इसलिए मजदूर अब काम नहीं करना चाह रहे हैं. पत्थर व्यवसायियों ने प्रशासन से मांग की है कि अधिकारियों के रवैये में बदलाव लाया जाए नहीं तो तो पत्थर का कारोबार पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा.
इधर एसडीओ जितेंद्र कुमार देव ने बताया कि पत्थर खदान की जांच वरीय पदाधिकारियों के निर्देश पर की गई है. खदान में कई तरह की खामियां पाई गई, इन खामियों पर कार्रवाई के डर से पत्थर व्यवसायी इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि जांच की रिर्पोट डीसी को सौप दी गई है. डीसी का आदेश आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
बता दे कि झारखंड़ सरकार ने कई तरह के नए नियम पत्थर उत्खनन में लगाए हैं. इन्हीं नियमों की पालन के जांच के लिए एसडीओ ने जिला टास्क फोर्स के साथ छापेमारी की थी.यह भी पढ़ें- सब्जी मंडी में लगी आग, कई दुकानें जलकर खाक