महज एक ट्रांसफॉर्मर के चलते बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं आदिवासी परिवार

मिनरल वाटर प्लांट
तीन साल पहले पीएचईडी की तरफ से फुलझिंझरी में 25 लाख की लागत से हाईटेक जलशोधन प्लांट का निर्माण करवाया गया था
- News18 Jharkhand
- Last Updated: May 8, 2018, 12:40 PM IST
पाकुड़ का पाकुड़िया प्रखंड ड्राइजोन घोषित है. इस प्रखंड के आदिवासी बहुल फुलझिंझरी पंचायत में मिनरल वाटर उपलब्ध कराने की योजना खटाई में पड़ती दिख रही है. इस योजना के तहत आदिवासी परिवारों को 7 रुपये में 20 लीटर मिनरल वाटर मुहैया होता.
तीन साल पहले पीएचईडी की तरफ से फुलझिंझरी में 25 लाख की लागत से हाईटेक जलशोधन प्लांट का निर्माण करवाया गया था. लेकिन यह प्लांट ट्रांसफार्मर के अभाव के कारण शुरु नहीं हो पाया. पेयजल का संकट झेल रहे आदिवासी परिवारों को उम्मीद थी कि उन्हें जल्द शुद्ध पानी उपलब्ध होगा, लेकिन अब ये उम्मीद दम तोड़ने लगी है.
जिले के काठीकुंड प्रखंड की सीमा से सटे पठारी इलाके में बिगत कई बरसों से पेयजल की भीषण समस्या बना हुआ है. सलगाडीह, चट्टनपारा, धोबना, आलूदाहा, फुलझिंझरी, आदि गांवों में सालों भर पानी की किल्लत रहती है. ऐसे में इस मिनरल वाटर प्लांट के चालू हो जाने से हजारों लोगों की प्यास बुझ सकती थी. परंतु पेयजल एवं स्वच्छता विभाग और विधुत विभाग की उदासीनता के कारण ये अबतक संभव नहीं हो पाया है.
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ट्रांसफार्मर लगाने के लिए कागजी खानापूर्ति कर ली है. लेकिन जिम्मेदारी नहीं निभाई. वहीं विधुत विभाग गांव को रौशन करने में लगा है, लेकिन जलशोधन प्लांट फुलझिझरी पर ध्यान नहीं दे रहा. ग्रामीणों ने बताया कि प्लांट के चालू हो जाने से गांव की पानी की बड़ी समस्या का स्थायी निदान हो जाएगा. विभागीय अभियंता ने बताया कि इसे चालू कराने हेतु विभागीय स्तर पर पहल की गई है. जल्द ही इससे ग्रामीणों को पानी उपलब्ध कराया जायेगा.
तीन साल पहले पीएचईडी की तरफ से फुलझिंझरी में 25 लाख की लागत से हाईटेक जलशोधन प्लांट का निर्माण करवाया गया था. लेकिन यह प्लांट ट्रांसफार्मर के अभाव के कारण शुरु नहीं हो पाया. पेयजल का संकट झेल रहे आदिवासी परिवारों को उम्मीद थी कि उन्हें जल्द शुद्ध पानी उपलब्ध होगा, लेकिन अब ये उम्मीद दम तोड़ने लगी है.
जिले के काठीकुंड प्रखंड की सीमा से सटे पठारी इलाके में बिगत कई बरसों से पेयजल की भीषण समस्या बना हुआ है. सलगाडीह, चट्टनपारा, धोबना, आलूदाहा, फुलझिंझरी, आदि गांवों में सालों भर पानी की किल्लत रहती है. ऐसे में इस मिनरल वाटर प्लांट के चालू हो जाने से हजारों लोगों की प्यास बुझ सकती थी. परंतु पेयजल एवं स्वच्छता विभाग और विधुत विभाग की उदासीनता के कारण ये अबतक संभव नहीं हो पाया है.
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ट्रांसफार्मर लगाने के लिए कागजी खानापूर्ति कर ली है. लेकिन जिम्मेदारी नहीं निभाई. वहीं विधुत विभाग गांव को रौशन करने में लगा है, लेकिन जलशोधन प्लांट फुलझिझरी पर ध्यान नहीं दे रहा. ग्रामीणों ने बताया कि प्लांट के चालू हो जाने से गांव की पानी की बड़ी समस्या का स्थायी निदान हो जाएगा. विभागीय अभियंता ने बताया कि इसे चालू कराने हेतु विभागीय स्तर पर पहल की गई है. जल्द ही इससे ग्रामीणों को पानी उपलब्ध कराया जायेगा.