एसपी के प्रोग्राम पर डीसी ने उठाये सवाल, जनता पूछ रही- कैसे होगा हमारी समस्याओं का समाधान

कॉफी विद कॉप
कॉफी विद कॉप को लेकर डीसी ने एसपी से पूछा कि ऐसा तो नहीं कि सस्ती लोकप्रियता तथा मीडिया की सुर्खियों में बने रहने के लिए सरकार के अनुमति के बिना यह चलाया जा रहा है.
- News18 Jharkhand
- Last Updated: November 2, 2018, 2:33 PM IST
झारखंड के पाकुड़ में इनदिनों पुलिस के कॉफी विद कॉप प्रोग्राम को लेकर असमंजस के बादल छाए हुए हैं. डीसी दिलीप कुमार झा के पत्र के बाद लोगों का कहना है कि अगर यह प्रोग्राम बंद हो जायेगा, तो उनकी छोटी-छोटी समस्याओं का समाधान कैसे होगा.
दरअसल जनता कॉफी विद कॉप प्रोग्राम में जाकर एसपी, एसडीपीओ और थानेदार के सामने अपनी समस्याएं रखते हैं. जुए का अड्डा, शराब की अवैध महफिल, आवास निर्माण में घूसखोरी जैसी समस्याओं को उठाते हैं. इन समस्याओं पर पुलिस कार्रवाई करती है और अविलंब समस्या का समाधान निकालती है. लेकिन डीसी दिलीप कुमार झा के एक पत्र ने जनता को असमंजस में डाल दिया है. उन्हें लग रहा है कि कॉफी विद कॉप प्रोग्राम बंद हो जाएगा.
दरअसल इस सिलसिले में डीसी ने एक पत्र लिखकर एसपी से कई सवाल पूछे हैं. मसलन, यह कार्यक्रम किस नियम एवं प्रावधनों के तहत संचालित किया जा रहा है. कार्यक्रम के तहत कितने आपराधिक मामलों का निष्पादन किया गया है. कार्यक्रम के लिए बजटीय प्रावधान क्या है. ऐसा तो नहीं कि सस्ती लोकप्रियता तथा मीडिया की सुर्खियों में बने रहने के लिए सरकार के अनुमति के बिना यह चलाया जा रहा है.
एसपी शैलेन्द्र प्रसाद वर्णवाल ने डीसी के सवालों का जबाब देने हुए कहा कि सरकार और विभाग के नियमानुसार कार्यक्रम किया जा रहा है. बतौर एसपी अबतक 40 हजार से अधिक लोग इस कार्यक्रम का लाभ ले पाए हैं.(कुंदन की रिपोर्ट)
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दरअसल जनता कॉफी विद कॉप प्रोग्राम में जाकर एसपी, एसडीपीओ और थानेदार के सामने अपनी समस्याएं रखते हैं. जुए का अड्डा, शराब की अवैध महफिल, आवास निर्माण में घूसखोरी जैसी समस्याओं को उठाते हैं. इन समस्याओं पर पुलिस कार्रवाई करती है और अविलंब समस्या का समाधान निकालती है. लेकिन डीसी दिलीप कुमार झा के एक पत्र ने जनता को असमंजस में डाल दिया है. उन्हें लग रहा है कि कॉफी विद कॉप प्रोग्राम बंद हो जाएगा.
दरअसल इस सिलसिले में डीसी ने एक पत्र लिखकर एसपी से कई सवाल पूछे हैं. मसलन, यह कार्यक्रम किस नियम एवं प्रावधनों के तहत संचालित किया जा रहा है. कार्यक्रम के तहत कितने आपराधिक मामलों का निष्पादन किया गया है. कार्यक्रम के लिए बजटीय प्रावधान क्या है. ऐसा तो नहीं कि सस्ती लोकप्रियता तथा मीडिया की सुर्खियों में बने रहने के लिए सरकार के अनुमति के बिना यह चलाया जा रहा है.
एसपी शैलेन्द्र प्रसाद वर्णवाल ने डीसी के सवालों का जबाब देने हुए कहा कि सरकार और विभाग के नियमानुसार कार्यक्रम किया जा रहा है. बतौर एसपी अबतक 40 हजार से अधिक लोग इस कार्यक्रम का लाभ ले पाए हैं.(कुंदन की रिपोर्ट)
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