मजबूर पिता की कहानी- 17 दिन के बच्चे को खुद से किया अलग

आर्थिक रूप से मजबूर पिता ने चाइल्ड लाइन को सौंपा दूधमुंहा बच्चा
पिता मुन्ना मरांडी ने कहा कि वह अपने बेटे की अच्छी परवरिश चाहता है, लेकिन वह इसके लिए आर्थिक रूप से सक्षम नहीं है इसलिए बच्चे के भविष्य को देखते हुए उसे चाइल्डलाइन को सौंप दिया
- News18 Jharkhand
- Last Updated: July 19, 2019, 8:15 PM IST
झारखंड के पाकुड़ में एक मजबूर पिता को अपने 17 दिन के बच्चे को खुद से अलग करना पड़ा. दरअसल पिता की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वह उसका पालन-पोषण कर सके. इसलिए पिता ने दुधमुंहे बच्चे को चाइल्डलाइन के हवाले कर दिया. जन्म के ठीक बाद बच्चे के सिर से मां का साया उठ गया.
अच्छी परवरिश के लिए खुद से किया अलग
अमड़ापाड़ा के पाडेरकोला गांव के रहने वाले पिता मुन्ना मरांडी ने बच्चा सौंपने से पहले चाइल्डलाइन को शपथ पत्र भी सौंपा. उसमें उसने इस बात का जिक्र किया कि चूंकि वह अपने बेटे की अच्छी परवरिश चाहता है, लेकिन वह इसके लिए आर्थिक रूप से सक्षम नहीं है. इसलिए बच्चे के भविष्य के लिए उसे चाइल्ड लाइन को सौंप रहा है.
जन्म के ठीक बाद मां की मौतपिता मुन्ना मरांडी ने बताया कि उसकी एक लड़की से स्थानीय बाजार में मुलाकात हुई. मुलाकात प्यार में बदली. दोनों पति- पत्नी बन गये. मजे से जिंदगी चल रही थी. लेकिन बच्चे के जन्म लेते ही पत्नी की मौत हो गई. बच्चा बीमार पड़ा, तो उसे स्थानीय अस्पताल में इलाज कराया. अब उसके पास इतने पैसे नहीं है कि वह बेटे के लिए दूध तक जुटा पाये.

गोद देने की तैयारी
मुन्ना की माने तो जब उसे पता चला कि चाइल्ड लाइन ऐसे बच्चों को लेता है. तो उसने कागजी प्रक्रिया पूरी तक बच्चे को चाइल्ड लाइन के हवाले कर दिया. चाइल्ड लाइन ने बच्चे को बाल कल्याण समिति को सौंप दिया. यहां से बच्चे को किसी दंपत्ति को गोद दिया जाएगा.
रिपोर्ट- कुंदन कुमार
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अच्छी परवरिश के लिए खुद से किया अलग
अमड़ापाड़ा के पाडेरकोला गांव के रहने वाले पिता मुन्ना मरांडी ने बच्चा सौंपने से पहले चाइल्डलाइन को शपथ पत्र भी सौंपा. उसमें उसने इस बात का जिक्र किया कि चूंकि वह अपने बेटे की अच्छी परवरिश चाहता है, लेकिन वह इसके लिए आर्थिक रूप से सक्षम नहीं है. इसलिए बच्चे के भविष्य के लिए उसे चाइल्ड लाइन को सौंप रहा है.
जन्म के ठीक बाद मां की मौतपिता मुन्ना मरांडी ने बताया कि उसकी एक लड़की से स्थानीय बाजार में मुलाकात हुई. मुलाकात प्यार में बदली. दोनों पति- पत्नी बन गये. मजे से जिंदगी चल रही थी. लेकिन बच्चे के जन्म लेते ही पत्नी की मौत हो गई. बच्चा बीमार पड़ा, तो उसे स्थानीय अस्पताल में इलाज कराया. अब उसके पास इतने पैसे नहीं है कि वह बेटे के लिए दूध तक जुटा पाये.

पिता ने बच्चे को किया चाइल्ड लाइन के हवाले
गोद देने की तैयारी
मुन्ना की माने तो जब उसे पता चला कि चाइल्ड लाइन ऐसे बच्चों को लेता है. तो उसने कागजी प्रक्रिया पूरी तक बच्चे को चाइल्ड लाइन के हवाले कर दिया. चाइल्ड लाइन ने बच्चे को बाल कल्याण समिति को सौंप दिया. यहां से बच्चे को किसी दंपत्ति को गोद दिया जाएगा.
रिपोर्ट- कुंदन कुमार
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