लोकसभा चुनाव 2019: मोदी लहर के बावजूद नायक बनकर उभरा ये युवा नेता

विजय हांसदा( सांकेतिक तस्वीर)
झारखंड की राजमहल लोकसभा सीट से झारखंड मुक्ति मोर्चा के विजय कुमार हांसदा ने शानदार जीत हासिल करते हुए बीजेपी के हेमलाल मुर्मू को करीब 99 हजार वोटों से करारी मात दी.
- News18 Jharkhand
- Last Updated: May 25, 2019, 3:27 PM IST
झारखंड की राजमहल लोकसभा सीट से झारखंड मुक्ति मोर्चा के विजय कुमार हांसदा ने शानदार जीत हासिल करते हुए बीजेपी के हेमलाल मुर्मू को करीब 99 हजार वोटों से मात दी. मोदी लहर में विजय हांसदा भी अपनी सीट पर मजबूती से डटे रहे जबकि जेएमएम सुप्रीमो अपनी सीट बचा नहीं पाए. बता दें कि 36 साल के हांसदा ने लगातार दूसरी बार मोदी लहर में जीत दर्ज की है,
साल 2014 के चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा के विजय कुमार हांसदा ने बीजेपी के हेमलाल मुरमू को हराया था. राजमहल लोकसभा क्षेत्र में दूसरी बार सांसद बने झामुमो के विजय हांसदा के बारे में कहा जाता है कि वे क्षेत्र के आदिवासी और मुस्लिम वोटरों के ध्रुवीकरण में माहिर हैं. इसी ध्रुवीकरण का नतीजा है कि इस बार पाकुड़, बरहेट, बोरियो, महेशपुर और लिट्टीपाड़ा विधानसभा में झामुमो को अप्रत्याशित बढ़त मिली है.
राजमहल लोकसभा के पूर्व कांग्रेसी सांसद व लोकप्रिय नेता थॉमस हांसदा के बेटे हैं विजय हांसदा. विजय हांसदा ने राजनीति के मैदान में साल 2009 में कदम रखा. बरहेट विधानसभा के लिए बतौर निर्दलीय प्रत्याशी दावेदारी पेश की. 36 साल के इस युवा ने राजनीति के धुरंधर हेमलाल मुर्मू को कड़ी टक्कर दी. साल 2014 में विजय ने जेएमएम का दामन थामा और राजमहल लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और बीजेपी के हेमलाल मुरमू को शिकस्त दी.
यह एक ग्रामीण संसदीय क्षेत्र है जहां साक्षरता दर 50.12% के करीब है. 2014 के डेटा के मुताबिक यहां 13 लाख से ज्यादा मतदाता हैं, जिनमें से 6,91,403 पुरुष और 6,62,063 महिलाएं मतदाता हैं. 1 मतदाता अन्य अथवा थर्ड जेंडर हैं. यहां अनुसूचित जाति की आबादी 4.67% और अनुसूचित जनजाति 37.01% के करीब है.यह भी पढ़ें-राजमहल इलेक्शन रिजल्ट 2019: जेएमएम के विजय कुमार हांसदा ने बीजेपी के हेमलाल मुर्मू को दी शिकस्त
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साल 2014 के चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा के विजय कुमार हांसदा ने बीजेपी के हेमलाल मुरमू को हराया था. राजमहल लोकसभा क्षेत्र में दूसरी बार सांसद बने झामुमो के विजय हांसदा के बारे में कहा जाता है कि वे क्षेत्र के आदिवासी और मुस्लिम वोटरों के ध्रुवीकरण में माहिर हैं. इसी ध्रुवीकरण का नतीजा है कि इस बार पाकुड़, बरहेट, बोरियो, महेशपुर और लिट्टीपाड़ा विधानसभा में झामुमो को अप्रत्याशित बढ़त मिली है.
राजमहल लोकसभा के पूर्व कांग्रेसी सांसद व लोकप्रिय नेता थॉमस हांसदा के बेटे हैं विजय हांसदा. विजय हांसदा ने राजनीति के मैदान में साल 2009 में कदम रखा. बरहेट विधानसभा के लिए बतौर निर्दलीय प्रत्याशी दावेदारी पेश की. 36 साल के इस युवा ने राजनीति के धुरंधर हेमलाल मुर्मू को कड़ी टक्कर दी. साल 2014 में विजय ने जेएमएम का दामन थामा और राजमहल लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और बीजेपी के हेमलाल मुरमू को शिकस्त दी.
यह एक ग्रामीण संसदीय क्षेत्र है जहां साक्षरता दर 50.12% के करीब है. 2014 के डेटा के मुताबिक यहां 13 लाख से ज्यादा मतदाता हैं, जिनमें से 6,91,403 पुरुष और 6,62,063 महिलाएं मतदाता हैं. 1 मतदाता अन्य अथवा थर्ड जेंडर हैं. यहां अनुसूचित जाति की आबादी 4.67% और अनुसूचित जनजाति 37.01% के करीब है.यह भी पढ़ें-राजमहल इलेक्शन रिजल्ट 2019: जेएमएम के विजय कुमार हांसदा ने बीजेपी के हेमलाल मुर्मू को दी शिकस्त
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