बना कुपोषण उपचार केन्द्र ( एमटीसी ) खुद कुपोषण का शिकार हो गया है. यहां सुविधाओं की कमी के साथ चारों तरफ गंदगी फैली हुई है. झारखंड़ सरकार ने कुपोषित बच्चों के इलाज के लिए लिट्टीपाडा में
खोला है. लेकिन इस एमटीसी केन्द्र की हालत बहुत खराब है. यहां इलाज करा रहे बच्चों को पर्याप्त पोषण युक्त भोजन भी नहीं दिया जाता. इस समय अस्पताल में कुल 7 बच्चे भर्ती हैं जिसमें 2 की स्थिति गंभीर बनी हुई है.
लिट्टीपाडा एमटीसी केन्द्र में साफ-सफाई का भी ध्यान नहीं रखा जाता. यहां बने शौचालयों की टंकी पर बच्चों का कपड़ा सुखाया जाता है. शौचालयों की टंकी से आने वाली बदबू से आस-पास के लोग परेशान रहते हैं. एमटीसी केन्द्र के कमरों में बच्चों को सर्दी लगने की दलील देकर पंखे निकाल लिए गए हैं, जबकि परिजन मरीजों के लिए हाथपंखा चलाते हुए नजर आ रहे हैं. गंदगी का आलम यह है कि साफ-सफाई भी बच्चों के परिजनों को करनी पड़ती है.
एमटीसी केन्द्र में कार्यरत महिला कर्मी निरोजनी मुर्मू ने बताया कि यहा काम करने वाले कर्मचारियों के लिए भी क्रेच की सुविधा नहीं है. वह अपने बच्चे को जमीन पर सुलाकर काम करती हैं. सरकार एमटीसी केन्द्रों को चलाने मे काफी खर्च कर रही है, लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण इसका लाभ
अपने बेटे का इलाज कराने आए बीरसिंह बास्की ने बताया कि यहां बच्चों को पोषण युक्त भोजन नहीं दिया जा रहा है, जिससे बच्चे और ज्यादा बीमार हो रहे हैं. उन्होंने उपचार केंद्र की महिला कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया. बीरसिंह ने अपने बच्चे का इलाज पाकुड़ के उपचार केंद्र पर कराने की मांग की है.
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FIRST PUBLISHED : September 15, 2018, 13:12 IST