एसडीओ ने नहीं दी आदिवासी महापंचायत की अनुमति

विधि व्यवस्था कायम रखने के लिए धारा 144 लागू
इस महापंचायत में कई गांव के ग्रामीण, ग्राम प्रधान सहित अन्य लोग उपस्थित होते हैं. इसके बाद किसी एक पक्ष में तुगलकी फरमान सुनाया जाता है. तुगलकी फरमान सुनाए जाने के बाद विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो सकती थी.
- ETV Bihar/Jharkhand
- Last Updated: March 5, 2018, 11:44 PM IST
पाकुड़ में विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए महेशपुर प्रखंड के औढोल गांव में धारा 144 लागू किया गया है. गांव में मोडे मांझी (आदिवासी का महापंचायत) होना था. मोडे मांझी दो गुटों के बीच होना था. इसकी अनुमति एसडीओ जितेन्द्र देव से मांगी गई थी. मगर एसडीओ ने अनुमति नहीं दी और उन्होंने धारा 144 लागू कर दिया.
दरअसल मोडे मांझी होने से विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो सकती थी. बता दें कि इस महापंचायत में कई गांव के ग्रामीण, ग्राम प्रधान सहित अन्य लोग उपस्थित होते हैं. इसके बाद किसी एक पक्ष में तुगलकी फरमान सुनाया जाता है. तुगलकी फरमान सुनाए जाने के बाद विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो सकती थी. इससे इलाके में तनाव उत्पन्न हो जा सकता था. इसे ही ध्यान में रखते हुए किसी तरह से मोडे मांझी नहीं होने दिया गया.
इस दौरान डीएसपी नवनीत हेम्ब्रम सदलबल गांव में तैनात रहे. उन्होंने उन दो लोगों को हिरासत में लिया था जो मोडे मांझी होने का मंच बना रहे थे. दोनों ने जब अपने आप को मजदूर बताया तब देर शाम उन्हें छोड़ दिया गया.
दरअसल मोडे मांझी होने से विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो सकती थी. बता दें कि इस महापंचायत में कई गांव के ग्रामीण, ग्राम प्रधान सहित अन्य लोग उपस्थित होते हैं. इसके बाद किसी एक पक्ष में तुगलकी फरमान सुनाया जाता है. तुगलकी फरमान सुनाए जाने के बाद विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो सकती थी. इससे इलाके में तनाव उत्पन्न हो जा सकता था. इसे ही ध्यान में रखते हुए किसी तरह से मोडे मांझी नहीं होने दिया गया.
इस दौरान डीएसपी नवनीत हेम्ब्रम सदलबल गांव में तैनात रहे. उन्होंने उन दो लोगों को हिरासत में लिया था जो मोडे मांझी होने का मंच बना रहे थे. दोनों ने जब अपने आप को मजदूर बताया तब देर शाम उन्हें छोड़ दिया गया.