ऑन द स्पॉट विकलांगों की समस्या का किया गया समाधान

विकलांग चलंत न्यायालय सह जागरूकता शिविर का आयोजन
झारखंड के पाकुड़ जिले में राज्य निःशक्त आयोग के आयुक्त सतीशचन्द्र ने जिले में विकलांगों की समस्या ऑन द स्पॉट सुनने के बाद उनकी समस्याओं का समाधान भी किया.
- ETV Bihar/Jharkhand
- Last Updated: November 9, 2017, 3:19 PM IST
झारखंड के पाकुड़ जिले में राज्य निःशक्त आयोग के आयुक्त सतीशचन्द्र ने जिले में विकलांगों की समस्या सुनने के बाद उनका ऑन द स्पॉट समाधान भी किया.
बता दें कि पुराना नगर भवन में गुरुवार को विकलांग चलंत न्यायालय सह जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया था. शिविर में सिविल सर्जन नलिनीकांत मेहरा, समाज कल्याण विभाग के पदाधिकारी प्रमोद झा समेत अन्य तमाम पदाधिकारी शामिल हुए.
शिविर में विकलांगों को उनके अधिकारों के बारे में जानकारी दी गई. राज्य सरकार विकलांगों के लिए विशेष योजना चला रही है, जिसमें उन्हें नौकरी में 4 प्रतिशत और योजना में 5 प्रतिशत विकलांगों को देने की व्यवस्था की गई है.
राज्य के 7 लाख विकलांगों में से साढ़े चार लाख विकलांगों के बीच प्रमाण पत्र वितरण कर दिया गया है. झारखंड़ में 5 वर्ष के विकलांगों को स्वामी विवेकानंद योजना के तहत पेंशन दिया जाता है जबकि दूसरे राज्यों में 18 वर्ष से ऊपर के विकलांगों को पेंशन योजना दी जाती है.वहीं पाकुड़ के सिविल सर्जन नलिनीकांत मेहरा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सकों की कमी के कारण वे आंख और मनो रोगियों को विकलांग प्रमाण पत्र नहीं दे पाते हैं. उन्हें दूसरे नजदीकी शहरों में रेफर करना पड़ता है.
बहरहाल, इस दौरान शिविर में आए हुए विकलांगों ने बारी बारी से अपनी समस्याओं को सुनाया. वहीं आयुक्त ने ऑन द स्पॉट उनकी समस्याओं का समाधान किया.
बता दें कि पुराना नगर भवन में गुरुवार को विकलांग चलंत न्यायालय सह जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया था. शिविर में सिविल सर्जन नलिनीकांत मेहरा, समाज कल्याण विभाग के पदाधिकारी प्रमोद झा समेत अन्य तमाम पदाधिकारी शामिल हुए.
शिविर में विकलांगों को उनके अधिकारों के बारे में जानकारी दी गई. राज्य सरकार विकलांगों के लिए विशेष योजना चला रही है, जिसमें उन्हें नौकरी में 4 प्रतिशत और योजना में 5 प्रतिशत विकलांगों को देने की व्यवस्था की गई है.
राज्य के 7 लाख विकलांगों में से साढ़े चार लाख विकलांगों के बीच प्रमाण पत्र वितरण कर दिया गया है. झारखंड़ में 5 वर्ष के विकलांगों को स्वामी विवेकानंद योजना के तहत पेंशन दिया जाता है जबकि दूसरे राज्यों में 18 वर्ष से ऊपर के विकलांगों को पेंशन योजना दी जाती है.वहीं पाकुड़ के सिविल सर्जन नलिनीकांत मेहरा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सकों की कमी के कारण वे आंख और मनो रोगियों को विकलांग प्रमाण पत्र नहीं दे पाते हैं. उन्हें दूसरे नजदीकी शहरों में रेफर करना पड़ता है.
बहरहाल, इस दौरान शिविर में आए हुए विकलांगों ने बारी बारी से अपनी समस्याओं को सुनाया. वहीं आयुक्त ने ऑन द स्पॉट उनकी समस्याओं का समाधान किया.