रिपोर्ट- नंद किशोर मंडल
पाकुड़. झारखंड के पाकुड़ में भीषण गर्मी से लोगों को घरों से निकलना मुश्किल हो रहा है, तो वहीं आग बरसाती गर्मी सब्जी की फसल को भी प्रभावित कर रही है. बढ़ते तापमान से रबी की फसलों पर विपरीत असर पड़ने लगा है. खेतों की नमी में लगातार कमी आने से पानी बार-बार देना पड़ रहा है. इतनी गर्मी में सब्जी की फसलों को ज्यादा नुकसान हो सकता है. इससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती है.
सब्जी उत्पादक किसान अपनी बाड़ी व खेतों से ग्रीष्मकालीन फसल के रूप में बड़ी मात्रा में भिंडी, टमाटर, बैंगन, लौकी, बरबटी, मिर्च, कद्दू के फसल लगाए हुए हैं. इस समय तेज गर्मी पड़ रही है. नतीजा किसानों को फसल को बचाने के लिए खूब मेहनत करनी पड़ रही है. फसल में कीट का प्रकोप भी हो रहा है. कीटनाशकों के छिड़काव में किसानों की मोटी रकम खर्च हो रही है. सिंचाई के लिए उन्हें खूब मशक्कत करनी पड़ रही है. मवेशियों से भी फसल को बचाने में उन्हें रतजगा करना पड़ रहा है.
किसान बिरेन मरिक ने बताया कि अपने खेत में भिंडी लगाए हैं. भिंडी में प्रत्येक 3 दिन पर दवाई का छिड़काव करना पड़ता है. महंगी दवाई से उनकी हालत खस्ताहाल हो गई है. यदि वे कीटनाशक दवाओं का छिड़काव नहीं करेंगे तो फसल को किट-पतंग चट कर जाएंगे.
प्रकृति की मार किसानों का पीछा नहीं छोड़ रही है. इस आग उगलती गर्मी ने किसानों की सब्जी की फसल को भी प्रभावित करना शुरू कर दिया है. तेज धूप के कारण खेतों में लगी हरी सब्जी की फसल भी मुरझाने लगी है. जिस वजह से किसानों को नुकसान उठाना पड़ सकता है.
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