रिपोर्ट : शशिकांत ओझा
पलामू. झारखंड के पलामू के नीलांबर-पीतांबरपुर प्रखंड के पूर्णाडीह में हाथियों के आतंक से किसान परेशान हैं. हाथी रात के अंधेरे में खेत में लगी फसल को नष्ट कर देते हैं. इससे किसानों को भारी नुकसान का समाना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों द्वारा हाथियों को भगाने की कोशिश भी नाकाम रह रही है. कई बार बात जान पर भी बन आती है. वहीं, शिकायत के बाद भी वन विभाग इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है.
पूर्णाडीह के झरना गांव निवासी देवनाथ राम व शांति देवी ने बताया कि पिछले 4 साल से फसल के सीजन में हाथियों का आतंक जारी है. रवी के साथ-साथ खरीफ फसल को भी नुकसान पहुंच रहा है. रात 10 के बाद हाथियों का झुंड आता है और खेत में लगी फसल को नष्ट कर देता है. स्थानीय लोग भगाने की कोशिश करते हैं, लेकिन हाथियों पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ता है.
टस से मस नहीं होते हाथी
हाथियों का झुंड बेतला जंगल रेंज से गुरियादामर होते हुए मलय नदी पार कर पूर्णाडीह गांव के झरना टोला व झगरपुर पहुंच रहा है. कई बार हाथियों का झुंड गांव के करीब भी आ जाता है. ग्रामीणों द्वारा अपने खर्च पर पटाखे व मशाल का इंतजाम किया गया है, लेकिन हाथी भागने के बजाय किसान को ही दौड़ाने लगते हैं.
किसानों को मिलेगा मुआवजा
इस संबंध में पूछे जाने पर कुंदरी वन क्षेत्र के रेंजर संजीव कुमार चौधरी ने बताया कि पूर्णाडीह में हाथियों के आने की सूचना मिली है. यदि किसान सही समय पर वन विभाग को जानकारी देंगे तो हाथियों को भगाया जा सकता है. हाथियों के केवटबार जंगल में होने की भी जानकारी मिल रही है. उन्होंने बताया कि हाथियों के उत्पात से जिन किसानों की फसल को नुकसान पहुंचा है, वे आदेवन दें. उन्हें फसल नुकसान के आधार पर उचित मुआवजा दिया जाएगा.
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