झारखंड में कांग्रेस के कद्दावर नेता माने जाते हैं चंद्रशेखर दुबे (Chandrashekhar Dubey) उर्फ ददई दुबे. दस साल बाद एक बार फिर वो बिश्रामपुर सीट (Bishrampur Assembly Constituency) से विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं. यहां से चार बार चुनाव जीतने का रिकॉर्ड उनके ही नाम पर है. जबकि स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी (Ramchandra Chandravanshi) यहां से तीन बार विधायक रहे हैं. एक बार फिर बिश्रामपुर में दोनों आमने-सामने हैं. ददई दुबे हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री रह चुके हैं.
साल 1945 में गढ़वा जिले के कंडी प्रखंड के चौका गांव में जन्मे चंद्रशेखर दुबे 1973 से 1985 तक बलियारी पंचायत के मुखिया रहे थे. 1985 में उन्होंने कांग्रेस का दामन थामा और बिश्रामपुर से चुनाव लड़कर पहली बार विधायक बने. 1990 के चुनाव में जनता ने उन्हें दोबारा विधायक बनाकर विधानसभा भेजा. लेकिन 1995 में ददई दुबे आरजेडी के रामचन्द्र चंद्रवंशी से चुनाव हार गये. इसके बाद दोनों में हार-जीत का सिलसिला शुरू हो गया. 2000 में ददई जीते, तो 2005 चंद्रवंशी को जीत मिली. फिर 2009 में ददई दुबे ने बिश्रामपुर सीट पर कब्जा जमाया. 2014 का चुनाव ददई ने अपने बेटे अजय दुबे को लड़ाया, लेकिन जनता ने साथ नहीं दिया और वो यहां पर तीसरे नंबर पर रहे. 2019 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अजय दुबे का निधन हो गया.
कांग्रेस नेता ददई दुबे मजदूर संगठन इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे हैं. 2004 में धनबाद से सांसद भी चुने गये थे. राज्य में हेमंत सोरेन की सरकार में वो ग्रामीण विकास मंत्री भी रहे हैं. उनके तीन बेटों में बड़े बेटे अजय दुबे की बीते 11 नवंबर को इलाज के दौरान रांची में मौत हो गई.
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FIRST PUBLISHED : November 21, 2019, 12:51 IST