रिपोर्ट – शशिकांत ओझा
पलामू. हिंदू धर्म में नवरात्रि की अलग ही मान्यता है. हर वर्ष दो बार नवरात्रि मनाई जाती है. गर्मी के दिनों में एक बार और एक शरद के मौसम में. अबकी बार नवका पर सवार होकर मां भगवती पृथ्वी पर आएंगी. मां भगवती की पूजा करने के लिए पीले वस्त्र के साथ मां की आराधना करना श्रद्धालुओं के लिए फलदाई होगा. ये बाते मां अष्टभूजी मंदिर के पुजारी घनश्याम बाबा ने बताया. बाबा ने न्यूज18 लोकल को बताया कि इस बार का नवरात्रि खास होने वाला है. नवरात्र की पूजा 22 मार्च से शुरू होने वाली है.
कलश स्थापना के लिए 22 मार्च को शुभ मुहूर्त 11 बजकर 40 मिनट पर है. वैसे तो सुबह 7 बजे से ही श्रद्धालु मां की पूजा कर सकते हैं. बाबा ने बताया की इस बार मां नवका पर सवार होकर आ रही है. जो बहुत ही शुभ है. माता दुर्गा जब नवरात्रि में पृथ्वी पर आती है तो सभी भक्तों का दुख हरकर उनकी मनोकामना पूर्ण करती है.
नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ दिनों में नौ रूपों की पूजा की जाती है. बाबा ने बताया की भक्तों को सुबह सवेरे उठ कर स्नान करके साफ सुथरा कपड़ा पहन कर मां की पूजा पूरे विधि विधान से करने पर हर मनोकामना पूर्ण करती है.
बाबा ने बताया की चैत्र नवरात्रि चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से आरंभ होता है. इसी तिथि से नया वर्ष से प्रारंभ हो जाता है. उन्होंने बताया की मिट्टी के कलश को अच्छे तरीके से साफ कर पूजा में आने वाले समान के साथ पूजा और पाठ विधि विधान से करने पर मनोकामना पूरा होता है.
25 मार्च से शुरू होगी चैत्र छठ पूजा
घनश्याम बाबा ने बताया की 25 मार्च को नहाय खाय के साथ छठ पूजा शुरू होगी. लोक आस्था का महापर्व 25 मार्च से शुरू होगा 26 मार्च को खरना होगा. वहीं अस्त चल गामी सूर्य को अर्घ्य और 28 के सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर छठ पूजा समाप्त हो जायेगा. वहीं 29 मार्च को दीप दान का शुभ मुहूर्त रात्रि 10 बजकर 40 मिनट पर होगा.
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