रिपोर्ट : शशिकांत ओझा
पलामू. पलामू टाइगर रिजर्व क्षेत्र में तीन साल बाद रौनक लौटी है. वन विभाग के लोगों में इसे लेकर खुशी का माहौल है. बता दें कि झारखंड राज्य में एक मात्र टाइगर रिजर्व क्षेत्र पलामू टाइगर रिजर्व है. जो तीन वर्षों से बाघ के बिना वीरान था. मगर तीन वर्ष बाद रौनक लौटी है. तीन वर्ष बाद टाइगर रिजर्व क्षेत्र में बाघ दिखा है.
बता दें कि पलामू टाइगर रिजर्व क्षेत्र के नॉर्थ जोन में बाघ देखने को मिला. छत्तीसगढ़ झारखंड बॉर्डर पर ट्रैप कैमरे में इस बाघ की तस्वीर कैद हुई है. इसके बाद टाइगर रिजर्व क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ पड़ी. जानकारी मिलते ही डायरेक्टर और डिप्टी डायरेक्टर तक इसकी पुष्टि के लिए पहुंचे. अपने ट्रैप कैमरे में बाघ की तस्वीर कैद किए.
मुख्य वन संरक्षक कुमार आशुतोष ने बताया की यह बाघ की उम्र 8 वर्ष है और यह बाघ पूरी तरह स्वस्थ्य है. दो दिनों में दो मवेशियों को शिकार बना चुका है. हालांकि वन विभाग द्वारा मवेशी के मालिकों को 5-5 हजार रुपये मुआवजा दिया गया है. अभी और 10-10 हजार मुआवजा दिया जाएगा.
पलामू टाइगर रिजर्व क्षेत्र झारखंड, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश से जुड़ा है. यह क्षेत्र एक ओपन कॉरिडोर है. जहां पलामू से जानवर उस क्षेत्र में जाते है तो उधर के जानवर भी इधर आते हैं. इस संबंध में मुख्य वन संरक्षक कुमार आशुतोष का कहना है कि कुछ वर्ष पहले इधर से टाइगर उस क्षेत्र की ओर पलायन कर गए थे. अब उधर से टाइगर पलामू टाइगर रिजर्व क्षेत्र में आया है. अब इस टाइगर का ख्याल पूरी तरह रखा जाएगा.
टाइगर रिजर्व क्षेत्र में 40 ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं. जिनसे उसकी निगरानी की जा रही है. वहीं 30 वनकर्मियों की टीम इसी काम में लगी है. यह टाइगर छत्तीसगढ़ क्षेत्र से पलामू में प्रवेश किया है. पलामू टाइगर रिजर्व इस बात से काफी प्रसन्न है. हमारा प्रयास है कि इसे किसी प्रकार से परेशानी न हो. इसके लिए वन विभाग की टीम लगातार लगी है.
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