रिपोर्ट- जावेद खान
रामगढ़. झारखंड के लाल धोनी ने एक बार फिर से अपनी प्रतिभा से का जलवा दिखाया और दो गोल्ड अपने नाम किए हैं. दरअसल झारखंड के रामगढ जिले के पतरातू प्रखंड के पतरातू डैम से सटे अति पिछड़े और सुदूरवर्ती गांव मेलानी के बच्चे तैराकी में कैरियर बनाने को लेकर कठिन परिश्रम कर रहे हैं. तैराकी में इनकी गंभीरता का ही नतीजा है कि रांची में आयोजित राज्य स्तरीय तैराकी प्रतियोगिता में 11 वर्ष आयु वर्ग में मेलानी के धोनी कुमार ने फ्रीस्टाइल स्विमिंग में 50 और 100 मीटर की स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीतकर अपनी बेमिसाल प्रतिभा दिखाई है.
बता दें, मैलानी गांव के 10 से 14 वर्ष आयु वर्ग के 21 बच्चे वर्तमान में डैम की गहराइयों में सुबह में दो से तीन घंटे तक गोते लगाते हैं और तैराकी के विभिन्न गुरो को सीख रहे हैं. इसमें फ्री स्टाइल, ब्रेस्ट स्ट्रोक, बैक स्ट्रोक, बटर फ्लाई प्रमुख है.
देश के लिए जितना चाहते हैं गोल्ड
प्रैक्टिस कर रहे बच्चों का कहना है कि उनका सपना है कि एक दिन तैराकी में देश के लिए गोल्ड मेडल जीते और अपने गांव -राज्य का नाम रौशन करें. तैराकी में अपना कैरियर बनाने को लेकर मेलानी के बच्चे कड़ी मेहनत कर रहे हैं. लेकिन, डैम में इन्हें कुशल तैराकी प्रशिक्षक की कमी खल रही है. अगर इन बच्चों को सही से और प्रशिक्षित ट्रेनर के माध्यम से प्रशिक्षण मिले तो यह बच्चे अपनी प्रतिभा के बल पर देश के लिए मेडल लाने की क्षमता रखते हैं.
कुशल तैराकी प्रशिक्षक की कमी
मेलानी के तैराक और ग्रामीण राज्य सरकार से बच्चों की प्रतिभा को और निखारने में सहयोग की उम्मीद कर रहे हैं. गोल्ड मेडल जीते मेलानी के धौनी करमाली ने कहा कि देश के लिए तैराकी में गोल्ड मेडल जीतना चाहते हैं इसके लिए उन्हें सही प्रशिक्षण की जरूरत है. लेकिन, डैम में इन्हें कुशल तैराकी प्रशिक्षक की कमी खल रही है. तैराकी का गुर सीख रहा 10 वर्षीय दीपक ने बताया कि वह अंतरराष्ट्रीय तैराक फिलिप के जैसा बनना चाहता है.
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