रिपोर्ट- जावेद खान
रामगढ. सरकारी स्कूल (Government School) का नाम सुनते ही सामान्य रूप से लोगों के मन में एक नकारात्मक तस्वीर सामने आती है, जिसमें स्कूल का टूटा भवन, बदहाल शिक्षा व्यवस्था और मूलभूत सुविधाओं का अभाव नजर आता है. लेकिन, शिक्षक सुरेंद प्रसाद गुप्ता ने सरकारी स्कूल की बदहाल तस्वीर को बदल कर सबके सामने एक नया उदहारण प्रस्तुत किया है. सुरेंद प्रसाद गुप्ता (Surendra Prasad Gupta) ने सरकारी स्कूल को ट्रेन के डिब्बों का रूप डेकर वहां निजी स्कूल जैसी सुविधाएं देनी शुरू कर दी. दरअसल मांडू प्रखंड के मनुवा स्थित खंडहर में बदल चुके अपग्रेडेड हाई स्कूल में सुरेंद्र गुप्ता की पोस्टिंग वर्ष 2002 में हुई थी. तब स्कूल का भवन पूरी तरह जर्जर और खंडहर में तब्दील होने के कगार पर था. इसी वजह से बच्चे भी स्कूल नहीं जाना चाहते थे. लेकिन, शिक्षक सुरेंद गुप्ता ने यहां कार्यभार संभालते ही स्कूल की बदहाल स्थिति को बदलने की ठानी और स्कूल को नया रूप देते हुए पठन-पाठन का बेहतर माहौल बनाया. उन्होंने अब तो स्कूल में आधुनिक पठन-पाठन की सुविधाएं भी उपलब्ध कराई है.
इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए सुरेंद प्रसाद गुप्ता बताते हैं कि उन्होंने स्कूल को प्राकृतिक वातवरण के हिसाब से दीवारों पर पठन-पाठन की सामग्री अंकित करायी. राष्ट्र निर्माण, नैतिक निर्माण और चरित्र निर्माण संबधित उपदेश चित्रों के माध्यम से लगवाया. ताकि बच्चे खेल-खेल में और घूमते-फिरते भी ज्ञान अर्जित कर सके.
ट्रेन के कोच जैसा बनाया क्लासरूम
सुरेंद प्रसाद गुप्ता ने बताया कि उन्होंने विद्यालय में लाइब्रेरी का भी निर्माण कराया है, जहां पर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी समेत अन्य उपयोगी पुस्तकें बच्चों के लिए उपलब्ध है. स्कूल के पूरे कमरे को भारतीय यात्री ट्रेन के कोच का रूप दिया गया है. यहां पर सीक रूम, हैंड वाशिंग स्टैंड, आनंदशाला, प्रयोगशाला, कंप्यूटर लैब, स्मार्ट क्लास के लिए बोर्ड समेत अन्य सुविधाएं मौजूद हैं. सुरेंद प्रसाद गुप्ता ने बताया कि उन्हें जिला का पहला सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार, जिला स्वच्छता का प्रथम पुरस्कार, राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के हाथों मिल चुका है.
निजी स्कूल जैसी मिलती हैं सुविधाएं
सुरेंद गुप्ता के प्रयास से आज मनुवा अपग्रेडेड हाई स्कूल में 600 बच्चे अध्यनरत है. स्कूल में स्वच्छता के लिए भी सुरेंद गुप्ता को जिला और राज्य स्तर का पर पुरस्कार मिल चुका है. बतौर पुरस्कार इन्हें पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने एक लाख और मेडल और वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दो लाख का चेक देकर सम्मानित किया था. आज मनुवा स्कूल पूरे जिले में एक रोल मॉडल के रूप में स्थापित हो गया है. स्कूल परिसर के दीवारों और कमरों में बनें आकर्षक कलाकृति, महापुरुषों के चित्र और सौर मंडल समेत ट्रेन की कलाकृति लोगों को बरबस आकर्षित करती है. लोग यहां बड़ी संख्या में स्कूल की इस खूबसूरती को देखने पहुंचते हैं. बच्चे भी यहां निजी स्कूल जैसा महसूस करते हैं. हेड मास्टर सुरेंद प्रसाद गुप्ता ने कहा कि सरकारी स्कूल में निजी स्कूल जैसी सुविधाएं देकर खुशी महसूस होती है.
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