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80 की उम्र में 140 किमी की पदयात्रा,1971 के भारत-पाक युद्ध के हीरो को 52 साल बाद मिला न्याय

झारखंड के चाइबासा में 80 साल के पूर्व सैनिक को 52 साल के लंबे अंतराल के बाद न्याय मिला है

झारखंड के चाइबासा में 80 साल के पूर्व सैनिक को 52 साल के लंबे अंतराल के बाद न्याय मिला है

Inspirational Stories: पश्चिमी सिंहभूम जिला के झींकपानी निवासी 80 साल के भूतपूर्व सैनिक पोदना बालमुचू को पांच दशक के लं ...अधिक पढ़ें

रिपोर्ट- रूपेश प्रधान

चाईबासा. 1965 और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अपना पराक्रम दिखाने वाले पश्चिमी सिंहभूम जिला के झींकपानी निवासी 80 साल के भूतपूर्व सैनिक पोदना बालमुचू को पांच दशक के लंबे संघर्ष के बाद अब हेमन्त सोरेन सरकार से न्याय मिल रहा है. 1971 के युद्ध के बाद सरकार द्वारा उन्हें खेती के लिये पांच एकड़ जमीन देने का वादा किया था, जो अब तक पूरा नहीं हुआ था. झींकपानी हाटिंग में वो जिस जगह में वर्तमान समय में रहते हैं और खेती करते हैं, वो 2.95 एकड़ जमीन गांव के ग्रामीण मुंडा द्वारा उन्हें दखल के रूप में दिया गया था लेकिन सरकारी प्रक्रिया के तहत उनके नाम यह जमीन अब तक नहीं हुई है.

इसके साथ ही बाकी 2.05 एकड़ जमीन अब तक उन्हें नहीं मिली है. सरकार से मिलने वाले 5 एकड़ जमीन की मांग को लेकर भूतपूर्व सैनिक पोदना बलमुचू परिवार के सदस्यों के साथ पहले चाईबासा में लगातार 9 दिन धरना पर बैठे, उसके बाद वो परिवार के सदस्यों के साथ चाईबासा से रांची तक 140 किलोमीटर की पदयात्रा कर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से मिले. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस भूतपूर्व सैनिक की व्यथा सुनने के बाद तत्काल चाईबासा डीसी को उन्हें पांच एकड़ जमीन देने का निर्देश दिया, जिसके अब 52 वर्ष बाद पूर्व सैनिक की मांग पूरी होने जा रही है.

डीसी के निर्देश पर झींकपानी अंचल कार्यालय द्वारा उन्हें 5 एकड़ जमीन देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. भूतपूर्व सैनिक पोदना बालमुचू, उनके परिवार के सदस्यों और पदयात्रा में साथ रहे लोगों ने इस फैसले पर खुशी जताई है और अब उनको न्याय मिलता दिख रहा है.

Tags: Jharkhand news, Ranchi news

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