मॉब लिंचिंग: तबरेज अंसारी के घरवालों से मिले ओवैसी, हरसंभव मदद का दिया भरोसा

तबरेज अंसारी के घरवालों से मिले असदुद्दीन ओवैसी
मुलाकात के दौरान ओवैसी ने तबरेज के परिवारवालों को मुकदमे की पैरवी पर ध्यान देने की सलाह दी और कहा कि केस में धारा 302 दोबारा जुड़ने से इंसाफ की उम्मीद बढ़ गई है
- News18 Jharkhand
- Last Updated: September 24, 2019, 3:43 PM IST
रांची. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने झारखंड (Jharkhand) की राजधानी रांची (Ranchi) में मॉब लिंचिंग (Mob Lynching) के शिकार हुए तबरेज अंसारी (Tabrez Ansari) की पत्नी शाइस्ता परवीन से मुलाकात की. इस दौरान तबरेज के चाचा मशरुर आलम भी मौजूद थे. मंगलवार को हुई इस मुलाकात के दौरान ओवैसी ने तबरेज के परिजनों को हर संभव मदद का भरोसा दिया. साथ ही कहा कि परिवार के लोग मुकदमे की पैरवी पर ध्यान दें. ओवैसी ने कहा कि केस में धारा 302 दोबारा जुड़ने से इंसाफ की उम्मीद बढ़ गई है.
पूरक चार्जशीट में जोड़ी गयी धारा 302
बता दें कि इसी साल 17 जून को सरायकेला-खरसावां के धातकीडीह गांव में ग्रामीणों ने तबरेज अंसारी की मोटरसाइकिल चोरी के आरोप में बुरी तरह पिटाई की थी. बुरी तरह से घायल तबरेज की 22 जून को मौत हो गयी थी. तबरेज के परिवारवालों की शिकायत पर पुलिस ने धारा 302 के तहत केस दर्ज किया था. लेकिन पुलिस की चार्जशीट में धारा 302 हटा दिया गया था. बाद में हंगामा मचने पर पुलिस ने पूरक चार्जशीट दायर कर सभी 13 आरोपियों पर धारा 302 लगायी. झारखंड पुलिस मुख्यालय से जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि पुलिस ने ये कार्रवाई एमजीएम मेडिकल बोर्ड के द्वारा जारी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर की.
धारा 302 जोड़े जाने पर पत्नी शाइस्ता परवीन ने न्यूज़ 18 से खास बातचीत में कहा कि उन्हें असली खुशी तब मिलेगी, जब दोषियों को फांसी की सजा होगी. उन्होंने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की. वहीं तबरेज के चाचा मशरुर आलम ने कहा कि धारा 302 जुड़वाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी. डीसी, एसपी से लेकर मानवाधिकार आयोग तक का दरवाजा खटखटाना पड़ा. इस मामले में दोषियों को फांसी की सजा होनी चाहिए, तब जाकर न्याय होगा.पत्नी ने दी थी आत्महत्या की धमकी
बता दें कि कुछ दिन पहले तबरेज की पत्नी शाइस्ता परवीन ने सरायकेला के डीसी को ज्ञापन सौंप इस मामले में पोस्टमॉर्टम समेत सभी रिपोर्ट की मांग की थी. साथ ही धारा 302 नहीं लगाने की स्थिति में आत्महत्या की चेतावनी दी थी.
(इनपुट- दिवाकर तिवारी)
ये भी पढ़ें- जनसभा करने रांची पहुंचे असदुद्दीन ओवैसी के पोस्टर पर पोती गई कालिख
पूरक चार्जशीट में जोड़ी गयी धारा 302
बता दें कि इसी साल 17 जून को सरायकेला-खरसावां के धातकीडीह गांव में ग्रामीणों ने तबरेज अंसारी की मोटरसाइकिल चोरी के आरोप में बुरी तरह पिटाई की थी. बुरी तरह से घायल तबरेज की 22 जून को मौत हो गयी थी. तबरेज के परिवारवालों की शिकायत पर पुलिस ने धारा 302 के तहत केस दर्ज किया था. लेकिन पुलिस की चार्जशीट में धारा 302 हटा दिया गया था. बाद में हंगामा मचने पर पुलिस ने पूरक चार्जशीट दायर कर सभी 13 आरोपियों पर धारा 302 लगायी. झारखंड पुलिस मुख्यालय से जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि पुलिस ने ये कार्रवाई एमजीएम मेडिकल बोर्ड के द्वारा जारी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर की.
धारा 302 जोड़े जाने पर पत्नी शाइस्ता परवीन ने न्यूज़ 18 से खास बातचीत में कहा कि उन्हें असली खुशी तब मिलेगी, जब दोषियों को फांसी की सजा होगी. उन्होंने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की. वहीं तबरेज के चाचा मशरुर आलम ने कहा कि धारा 302 जुड़वाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी. डीसी, एसपी से लेकर मानवाधिकार आयोग तक का दरवाजा खटखटाना पड़ा. इस मामले में दोषियों को फांसी की सजा होनी चाहिए, तब जाकर न्याय होगा.पत्नी ने दी थी आत्महत्या की धमकी
बता दें कि कुछ दिन पहले तबरेज की पत्नी शाइस्ता परवीन ने सरायकेला के डीसी को ज्ञापन सौंप इस मामले में पोस्टमॉर्टम समेत सभी रिपोर्ट की मांग की थी. साथ ही धारा 302 नहीं लगाने की स्थिति में आत्महत्या की चेतावनी दी थी.
(इनपुट- दिवाकर तिवारी)
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