रांची. पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने प्रेसवार्ता कर हेमंत सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि दूसरे प्रदेशों में झारखण्ड के भ्रष्टाचार की बात ज्यादा होती है. एकीकृत बिहार में लोग खुद की पहचान बताने से हिचकिचाते थे. आज झारखण्ड की स्थिति कुछ ऐसी ही है.
उन्होंने कहा कि झारखण्ड के भ्रष्टाचार और कानून व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. हेमन्त सोरेन की सरकार नियमों को ताक पर रख कार्यपालिका का काम कर रही है. शराब के लिए सरकार पहले टेंडर निकलती है फिर मनपसंद कॉन्ट्रैक्टर के लिए नियमावली में फेरबदल करती है. सरकार नियम और कानून से नहीं, बल्कि खुद के कानून से चलाई जा रही है. इसी वजह से राज्य की ये स्थिति है.
पूर्व सीएम ने कहा कि बालू को लेकर सत्र में सवाल उठे थे. बालू की वजह से इंदिरा आवास नहीं बन पा रहे हैं. झारखण्ड में दो तरह के कानून हैं. यहां लीगल काम कम है अवैध काम ज्यादा चल रहा है. ग्रैंड माइनिंग में हेमन्त सोरेन के भाई बसंत सोरेन पार्टनर हैं. अवैध माइनिंग को लेकर जो जुर्माना किया गया उसे भी जमा अबतक ग्रैंड माइनिंग के द्वारा नही किया गया. पत्थर ले जाने के लिए जंगल में सड़क बना दी गई. इस मामले को लेकर केस भी किया गया लेकिन अबतक कोई कार्रवाई नहीं हुई. ऐसे में इस सरकार में आम लोगो को कैसे न्याय मिलेगा. इन वजहों से राज्य को कलंकित करने का काम इस सरकार ने किया है.
बाबूलाल के मुताबिक बीजेपी इस सबकी लड़ाई लड़ रही है और इसी वजह से सड़क पर उतर कर आंदोलन कर रही है. पंचायत चुनाव के बाद भाजपा के कार्यकर्ता सड़कों पर नज़र आएंगे. जिन पर करप्शन के आरोप हैं, वैसे अधिकारियों की महत्वपूर्ण पदों पर तैनाती है. करप्शन पर जब कार्रवाई हुई तो दर्द सत्ता पक्ष को भी हुआ. राज्य में कानून का शासन खत्म हो चुका है और जितने दिनों तक यह सत्ता रहेगी राज्य को उतना ही नुकसान होगा. सोरेन परिवार खुद के लिए और उनके इर्दगिर्द रहने वालों के लिए बनी है. रांची डीसी के खिलाफ पुख्ता दस्तावेज है. जांच रिपोर्ट के आधार पर पत्र लिखा, लेकिन अब भी रांची डीसी अपने पद पर बने हुए हैं.
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