रांची. झारखंड विधानसभा अध्यक्ष के न्यायाधिकरण में बाबूलाल मरांडी के दलबदल मामले पर सुनवाई हुई. विधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो ने बाबूलाल मरांडी के मामले में 8 बिंदुओं पर सुनवाई केंद्रित कर दी है. अब इसी 8 बिंदु पर वादी और प्रतिवादी अपना पक्ष रखेंगे.
न्यायाधिकरण में सुनवाई के दौरान पूर्व विधायक राजकुमार यादव ने बाबूलाल मरांडी के मामले में 10वीं अनुसूची के उल्लंघन का मामला उठाया. राजकुमार यादव ने कहा कि ये दो तिहाई सदस्य का मामला बनता है और ऐसे में बाबूलाल मरांडी की सदस्यता हर हाल में रद्द होनी चाहिए. राजकुमार यादव के इस तर्क पर बाबूलाल मरांडी के अधिवक्ता आरएन सहाय ने विधानसभा अध्यक्ष से प्रिमिलरी ऑब्जेक्शन से संबंधित आदेश जारी करने की अपील की. आरएन सहाय ने इस मुद्दे पर विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष कई बार यह बात कही. जिसके जवाब में अध्यक्ष ने कहा कि पहले ही इस मामले में काफी विलम्ब हो चुका है. न्यायाधिकरण को निर्णय लेने का अधिकार है.
बाबूलाल मरांडी के अधिवक्ता ने प्रदीप यादव और बंधु तिर्की से संबंधित कुछ बिंदुओं को भी शामिल करने के पक्ष में अपनी रखी. जिस पर अध्यक्ष ने कहा कि पहले से 8 बिंदु तय हैं, उनपर आप अपनी बात रख सकते हैं. न्यायाधिकरण में दीपिका पांडेय सिंह, प्रदीप यादव, बंधु तिर्की और भूषण तिर्की के अधिवक्ता सुमित गाड़ोदिया ने कहा कि शिकायत वापस लेने पर भी न्यायधिकरण में सुनवाई हो सकती है.
अधिवक्ता अनिल कुमार ने इस मौके पर कहा – इस मामले में ये भी देखने की जरूरत है कि जेवीएम के विलय के वक्त प्रदीप यादव और बंधु तुर्की कहां थे. उन्होंने कहा कि दोनों विधायक कांग्रेस में शामिल हो चुके थे और इसके प्रमाण अखबार-मीडिया में हैं. अनिल कुमार ने कहा कि उन्हें समय दिया जाए, वे इससे संबधित साक्ष्य भी उपलब्ध करा सकते हैं. मंगलवार को न्यायाधिरण में सुनवाई स्थगित हो गई. लेकिन सभी 8 बिंदुओं पर सुनवाई होने की वजह से दलबदल के मामले में बहुत जल्द फैसला आने की उम्मीद है.
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