उत्पाद विभाग को शराब से अबतक करीब 562 करोड़ का नुकसान हो चुका है (News18 Hindi)
मिली जानकारी के मुताबिक, इस बैठक में एजेंसी को लक्ष्य के हिसाब से काम करने के सख्त निर्देश दिये गये. दरअसल नवंबर तक सरकार को महज 1084 करोड़ रुपये ही रेवेन्यू के तौर पर हासिल हो पाया है. यानी विभाग को अबतक करीब 562 करोड़ का नुकसान हो चुका है.
उत्पाद विभाग के आयुक्त कमलेश्वर प्रसाद सिंह का साफ कहना है कि छत्तीसगढ़ की एजेंसी अपने लक्ष्य से भटक गयी है. उन्होंने कहा कि प्लेसमेंट एजेंसी का अपने अधीन काम करने वाले कर्मचारियों पर से नियंत्रण खत्म हो गया है. उत्पाद आयुक्त ने कहा कि भुगतान बकाया होने की वजह से भी कई समस्याएं आ रही हैं.
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इन तमाम मुद्दों पर झारखंड खुदरा शराब विक्रेता संघ के सचिव और देसी शराब बनाने वाले कंट्री लीकर इस मुद्दे पर खुलकर अपनी राय रखते हैं. झारखंड खुदरा शराब विक्रेता संघ के सचिव सुबोध कुमार जायसवाल की मानें तो मासिक कोटे का उठाव समय पर नहीं किये जाने की वजह से एजेंसी पर अब तक करीब 43 करोड़ रुपये की पेनल्टी लगायी गयी है.
इन सबके बीच राज्यभर के कंट्री लीकर भी अपनी समस्याओं को खुलकर जाहिर करते हैं. कंट्री लीकर की मानें तो राज्य भर में जितनी शराब की जरूरतें हैं. उतनी देसी शराब सप्लाई नहीं हो पा रही है. इसकी सबसे बड़ी वजह राज्य भर के कंट्री लीकर को कम ईडीपी यानि एक्स डिस्टलरी प्राइस मिलना बताया जा रहा है.
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