रांची. झारखंड में सरकारी शराब के कारोबार पर माफियाराज का आरोप लग रहा है. बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ से पहुंचे माफिया और किंगपिन ने राज्य में लीकर के कारोबार पर जेएसबीसीएल के बहाने कब्जा कर लिया है. आरोप यह भी है कि राज्य में एक्साइज विभाग का कोई साइज नहीं है. सबकुछ जरूरत के हिसाब से तय किया जा रहा है. दरअसल झारखंड में शराब का कारोबार आखिर है तो किसके हवाले? कौन है जिसने JSBCL के रास्ते प्रदेश के शराब कारोबार पर कब्जा कर लिया है? ऐसे तमाम सवाल इनदिनों राज्यभर में आरोप के रूप में गूंज रहे हैं.
झारखंड खुदरा शराब बिक्रेता संघ के सचिव ने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ के कुछ दागी अधिकारी और कारोबारियों ने राज्य में शराब के कारोबार पर परदे के पीछे से कब्जा कर लिया है. इसमें सबसे बड़ा नाम एपी त्रिपाठी यानि अरुणपति त्रिपाठी का लिया जा रहा है जो छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक सेवा के अधिकारी बताये जा रहे हैं और बीएसएनएल में पदस्थापित हैं. उन्हें ही झारखंड सरकार ने सवा साल के लिए एक करोड़ देकर बतौर कंसलटेंट तैनात किया है.
झारखंड खुदरा शराब विक्रेता संघ का आरोप
* छग के दागी अधिकारी एपी त्रिपाठी को कंसलटेंट बनाने का आरोप
* सवा साल में एक करोड़ बतौर कंसलटेंट भुगतान की बात
* 2019-20 में एपी त्रिपाठी पर ईडी ने की थी कार्रवाई
* भिलाई में उनके खिलाफ दर्ज है केस
वहीं इस पूरे मामले में छत्तीसगढ़ के ही अनवर ढिवार को किंगपिन बताया जा रहा है. बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में शराब का सिंडिकेट चलाने वाले अनवर ढिबार अब झारखंड में एक्टिव नजर आ रहे हैं. वहीं तीसरा नाम सिद्धार्थ सिंघानिया बंधु और उनकी कंपनी का आ रहा है.
झारखंड खुदरा शराब विक्रेता संघ का आरोप
* छत्तीसगढ़ के ही अनवर ढिवार को बताया जा रहा किंगपिन
* छग में शराब का सिंडिकेट चलाने वाले अनवर अब झारखंड में एक्टिव
* छग के सिद्धार्थ सिंघानिया झारखंड में देख रहे प्लेसमेंट एजेंसी का काम
* खुदरा दुकानों के प्लेसमेंट का काम देख रहे सिद्धार्थ सिंघानिया
* सिंघानिया की दिशिता एडवेंचर और ओम साई कंपनी को दिया जा रहा काम
आरोप यह भी लगाया कि राज्य में एक्साइज विभाग का कोई साइज नहीं है. समय के अनुसार साइज तय किया जा रहा है. लिहाजा इस तमाम मामलों के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग उठायी गयी है.
उत्पाद आयुक्त ने किसी शिकायत से किया इंकार
वहीं इस पूरे मामले पर उत्पाद आयुक्त अमित कुमार ने साफ कहा है कि जिनके बारे में आरोप की बात कही जा रही है. उनके खिलाफ अभी तक कोई शिकायत सामने नहीं आयी है और नियमानुसार ही तमाम प्रक्रिया का पालन किया गया है. उत्पाद कमिश्नर ने यह भी कहा कि अब बार संचालकों को शराब खरीदने के लिए कहीं दूर जाने की जरूरत नहीं बल्कि उनके लिए अब नजदीक में ही शराब खरीदने की व्यवस्था कर दी गयी है. उत्पाद आयुक्त ने कहा कि तमाम कवायद शराब की कालाबाजारी को रोकने के लिए ही की गयी है.
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